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30 अक्तूबर की शाम 6.30 बजे के करीब केबल पुल गिरने से 145 से ज्यादा अफराद हलाक हो चुके हैं। |
अहमदाबाद, नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
गुजरात के शहर मोरबी से पुल टूटने और कई लोगों के हलाक होने की दिल दहला देने वाली खबरों के बीच हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की एक अनोखी मिसाल भी सामने आई है हादसे से मुतास्सिर कई लोगों की जान बचाने दो मुसलमानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी। हादसे की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे तौफीक ने जहां 35 जख्मियों को अस्पताल पहुंचाया वहीं हुसैन पठान ने 50 लोगों को डूबने से बचाया। हादसे के बाद से दोनों नौजवानों की जवांमर्दी के सोशल मीडिया में खूब चर्चे हो रहे हैं।
मुख़्तलिफ तन्जीमों और व्यक्तिगत तौर पर लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने दोनों बहादुर मुसलमानों के मुताल्लिक अपने टवीट में लिखा है कि गुजराती जबान के अखबारात दोनों हीरो के चर्चाें से भरे पड़े हैं। वसीम अकरम के अलावा दूसरे लोगों की खबरें भी सोशल मीडीया पर वाइरल हो रही है। जफर सैफी ने लिखा कि तौफीक राजू और हुसैन पठान ने तकरीबन 200 लोगों की जान बचाई है। ख़्याल रहे कि 30 अक्तूबर की शाम 6.30 बजे के करीब केबल पुल गिरने से 145 से ज्यादा अफराद हलाक हो चुके हैं। हैरत की बात ये कि पुल की मरम्मत चार दिन पहले ही हुई थी। इंतेजामिया ने पुल को ‘ओ के’ सर्टीफिकेट नहीं दिया था। इसके बावजूद कंपनी ने पुल खोल दिया। पुल पर जाने के लिए पर्यटकों को टिकट बेचे जा रहे थे। यही नहीं, टिकट की बिक्री भी महंगे दाम पर की जा रही थी।
बार एसोसीएशन ने मुल्जिमान के लिए वकालत से हाथ खड़े किए
मोरबी बार एसोसीएशन ने हादिसे में हलाक होने वालों के सम्मान में बड़ा फैसला लिया है। एसोसीएशन ने कहा है कि जिÞले का कोई भी वकील मोरबी हादिसा में शामिल मुल्जिमान के बचाव में मुकद्दमा नहीं लड़ेगा। हादसे में अब तक 136 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राहत और बचाव अहलकारों ने 170 लोगों को बचा लिया है। इससे कब्ल मंगल को पीएम मोदी ने मोरबी में मौके का दौरा किया और वहां जारी तलाश और बचाव आॅप्रेशन का जायजा लिया। उन्होंने हादसे में जखमी होने वालों के अलावा पुलिस और इंतिजामीया के अहलकारों से मुलाकातें कीं। वजीर-ए-आजम मोदी ने हस्पताल में तकरीबन 15 मिनट गुजारे और छ: जख्मियों से हाल पूछा।