अपनी मौत से तीन दिन पहले तक स्कूल जाने वाली 99 साल की बुजुर्ग स्टूडेंट की मौत

दुनिया की ‘सबसे बुजुर्ग स्टूडेंट्स’ का 99 साल की उम्र में इंतिकाल 
गर्ल्स एजूकेशन को बढ़ावा देने मौत से तीन दिन पहले तक जारी रखी पढ़ाई

लंदन : आईएनएस, इंडिया 

दुनिया की सबसे मुअम्मर प्राइमरी स्कूल की स्टूडेंट परसेला सेतीनी का 99 साल की उम्र में इंतिकाल हो गया। 90 की दहाई में सीखने की उनकी साबित कदमी पर आधारित एक फ्रÞांसीसी फिल्म की यूनेस्को ने भी तारीफ की थी। 

उनके पोते सामी चेपसरूर ने जुमेरात को दी स्टैंडर्ड अखबार को बताया कि उन्हें गोगो परसेला के नाम से जाना जाता था। सीने में तकलीफ के कारण बुध को अपने घर पर इंतिकाल कर गई। उन्होंने कहा कि उनकी सेहत अच्छी थी और वो रूटीन के मुताबिक हर रोज क्लास अटेंड करती थीं। अपनी मौत से तीन दिन पहले तक वे स्कूल जाया करती थीं। सीने में दर्द के सबब मौत से तीन दिन पहले ही उन्होंने स्कूल जाना छोड़ा था। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें उन पर फखर है। 

यूनेस्को ने बताया कि परसेला ने 94 साल की उम्र में अपने गांव के मुकामी स्कूल की प्रिंसिपल को अपनी एजूकेशन पूरी करने की दरखास्त को कबूल करने पर आमादा किया था, यूनेस्को ने बुजुर्ग खातून की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी मिसाल ऐसी है, जिसकी उनके मआशरे के अंदर और बाहर पैरवी करनी चाहिए। पिछले साल यूनेस्को के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात की तसदीक की कि स्कूल वापिस जाने का उनका मकसद कीनीया में नौजवान माओं को बच्चे पैदा करने के बाद स्कूल वापिस आने की सलाह देना और उन्हें समाजी बदनामी के खौफ से स्कूल छोड़ने से रोकना था। उन्होंने कहा था कि मैं ना सिर्फ उनके लिए बल्कि दुनियाभर की इन लड़कियों के लिए एक मिसाल कायम करना चाहती थी जो स्कूल नहीं जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर औरत तालीम हासिल नहीं करती है तो उसमें और मुर्ग़ी में कोई फर्क़ नहीं रहेगा। एजूकेशन को लेकर उनकी की कोशिशों को एक फ्रÞांसीसी फिल्म 'गोगो' दिखाया गया है। फिल्म ने उन्हें गुजश्ता साल जिंदगी में पहली मर्तबा जहाज में सवार होने और फ्रÞांसीसी सदर की पत्नी से मिलने फ्रÞांस जाने की इजाजत दी थी। फिल्म के सह लेखक पैट्रिक बसेज ने जुमेरात को परसेला को खिराज-ए-तहसीन पेश करते हुए एक ट्वीट में कहा कि उनका लड़कियों को तालीम हासिल करने का पैगाम हमेशा जिंदा रहेगा।

माअरूफ अदाकारा तबस्सुम का 78 साल की उम्र में इंतिकाल

मुंबई : माजी की मशहूर अदाकारा तबस्सुम अब इस दुनिया में नहीं रहीं। वो 78 साल की उम्र में इंतिकाल कर गई। उन्हें जुमा की रात दिल का दौरा पड़ा जिसकी वजह से उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। तबस्सुम ने अपने फिल्मी कैरियर का आगाज बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट साल 1947 में फिल्म मेरा सुहाग से किया जिसके बाद वो कई फिल्मों और टीवी शोज का हिस्सा रहीं। सनीचर को मुंबई में उनकी आखिरी रसूमात अदा की गईं। उनके बेटे होशांग गोविल ने कहा कि उनकी वालिदा की खाहिश थी कि उन्हें दफनाने से पहले किसी को उनकी मौत के बारे में ना बताया जाए। बचपन में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम करने वाली तबस्सुम ना सिर्फ एक अदाकारा के तौर पर पहचानी जाती थीं बल्कि उन्होंने टॉक शो की मेजबान के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई थी। दूरदर्शन पर मुल्क के पहले टीवी टॉक शो फूल खिले हैं गुलशन गुलशन की मेजबानी का सेहरा तबस्सुम को जाता है। उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो की मेजबानी की, जिसके जरीये उन्हें फिल्म इंडस्ट्री के तजुर्बाकारों के इंटरव्यू करने का मौका मिला। 


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