रियाद : आईएनएस, इंडिया
मुकद्दस तरीन हरम मक्की और हरम नबवी के उमूर की उमूमी सदारत ने आगाह किया है कि 13 रबी उस्सानी 1444 हिजरी के दिन हरमैन शरीफैन की दोनों मुकद्दस मसाजिद में आने वाले जाइरीन और मामतरीन को बेहतरीन खिदमात फराहम की गई हैं।
सिर्फ इस एक दिन में 25 हजार अफराद को उनके उमूर में आसानी के लिए मुख़्तलिफ जबानों में रहनुमाई फराहम की गई है। ऐवान-ए-सदर की फराहम की गई खिदमात के तहत 24,784 अफराद को मुख़्तलिफ जबानों में रहनुमाई की खिदमात फराहम की गई। 84 हजार 864 अफराद को जमजम के पानी की बोतलें फराहम की गईं, जरूरतमंदों को 1142 कार्ट डराईवज के जरीया उनके मुकामात तक पहुंचाया गया। इन कार्टस में 881 इलेक्ट्रिक और 237 रेगूलर गाड़ियां शामिल थीं। ऐवान-ए-सदर के ट्वीटर अकाउंट पर एक इन्फो ग्राफिक में मजीद कहा गया कि एक लाख 80 हजार लीटर जरासीमकुश अदवियात, 2500 लीटर फ्रेशनर, 550 लीटर जराशिम कश बायो केअर, 500 लीटर रोबोटस के जरीये जरासीम कुशी मवाद इस्तिमाल किया गया। उसने मजीद कहा कि 1,700 ब्रोशर्ज फराहम किए गए, 2,196 तवाफ कराने की सर्विसिज फराहम की गईं। 23 हजार लोगों ने डिजीटल आगाही से इस्तिफादा किया और 8 हजार ने फील्ड आउटरीच से फायदा उठाया।
मस्जिद हराम में माजूर अफराद को बेहतरीन सहूलयात की फराहमी
रियाद : समाजी, रजाकाराना और इन्सानी खिदमात की एजेंसी मुअम्मर और माजूर अफराद को एक मुकाम से दूसरे मुकाम तक ले जाने और उन्हें उमरा के मनासिक की अदायगी में आसानी के लिए कोशां है।
इस एजेंसी के रजाकार एक मरबूत निजाम के तहत माजूर अफराद को मुख़्तलिफ कामों में आसानियां फराहम करने में मसरूफ-ए-अमल रहते हैं। एजेंसी की नुमाइंदगी जनरल डिपार्टमेंट बराए रजाकाराना खिदमात और माजूर अफराद के लिए जनरल डिपार्टमेंट करते हैं। रजाकार सफीरों का औकाफ और मस्जिद हराम के शोबा तालुकात-ए-आमा से राबिता होता है। रजाकाराना काम के राबिताकारी के लिए जनरल डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल अदील बिन राजा अल्लाह इलजानी ने कहा कि समाजी, रजाकाराना और इन्सानी खिदमात की एजेंसी और इससे मुंसलिक महिकमे मुअम्मर और माजूर अफराद की खिदमत के लिए कोशां हैं।
मस्जिद हराम में इन अफराद की इबादात की अदायगी में समाजी, रजाकाराना और इन्सानी हमदर्दी के पहलुओं में तमाम इमदादी खिदमात फराहम की जाती हैं। इन माजूर अफराद को आसानी और आराम फराहमी का ख़्याल रखा जाता है। मस्जिद हराम के उमूर के जनरल सदर शेख डाक्टर अब्दुर्रहमान अल सदीस की हिदायत के मुताबिक माजूर अफराद की मुश्किलात पर काबू पाने की कोशिश की है। 2024 के तरक़्कीयाती मंसूबे में इन्सानी और कम्यूनिटी के पहलू पर बेहतरीन खिदमात की तरफ तवज्जा मुरत्तिब की गई है। ये मन्सूबा भी सऊदीया के विजन 2030 के तहत आता है।
उन्होंने इस प्रोग्राम की तफसील बताते हुए कहा कि मुअम्मर और माजूर अफराद को मस्जिद हराम के एतराफ के चौकों से गाड़ियों में ले जाया जाता, रजाकारों की तरफ से तवाफ और तआकुब में मुफ़्त गाड़ियों को धकेलने, खुशक खाने की तकसीम और मेहमान-नवाजी की खिदमात पेश की जाती हैं। इलजानी ने मस्जिद हराम और मस्जिद नबवी के उमूर के जनरल सदर शेख डाक्टर अब्दुर्रहमान बिन अब्दुल अजीज अल सदीस का शुक्रिया अदा किया और कहा, उनकी मुसलसल हिमायत के लिए खुदा उनकी हिफाजत फरमाए। मस्जिद हराम में मुअम्मर अफराद और माजूर अफराद के लिए फराहम की जाने वाली खिदमात के निजाम को बेहतर बनाने की मुस्तकिल खाहिश को पूरा करने के लिए अल्लाह उनकी मदद करे।