खतरा बनते जा रहे अजगर सांपों को मारने के लिए दस रोजा मुकाबले का इनइकाद किया गया था जिसमें 800 लोगों ने हिस्सा लिया। जीतने वालों को 2 हजार 500 डालर का इनाम दिया गया। अजगर सांपों के शिकार से लोगों को डिप्रेशन से बाहर आने में मदद मिल रही है।
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न्यूयार्क : अमरीकी रियासत फ्लोरीडा में साँपों के शौकीन लोग तकरीबन आधी सदी पहले बर्मा से कुछ अजदहे लाए थे, जो बाद में उन्होंने जंगलों में छोड़ दिए। वो अजदहे अब कुदरती हयात (प्रकृति) के लिए खतरा बन गए हैं। खबररसां इदारे एएफपी के मुताबिक फ़्लोरीडा में जंगली हयात के तहफ़्फुज के लिए कायम कमीशन (एफडब्लयूसी) इन अजदहों की अफ़्जाइश-ए-नस्ल (ब्रीडिंग) पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। एफडब्ल्यूसी के अंदाजे के मुताबिक रियासत के एअर ग्लीडज नामी कुदरती पार्क में हजारों की तादाद में अजदहे मौजूद हैं। इन साँपों की आबादी को खत्म करने के लिए एफडब्लयूसी ने अजदहों के शिकार के लिए दस रोजा मुकाबले का भी इनइकाद किया था जिसमें 800 अफराद ने हिस्सा लिया। मुकाबला जीतने वालों के लिए दो हजार 500 डालर का इनाम रखा गया था। फ़्लोरीडा के एक मुकामी शख्स भी एफडब्लयूसी के साथ मुंसलिक एक प्रोफेशनल शिकारी हैं जो जुनूबी एशिया से लाए गए इन बड़े ताकतवर साँपों का शिकार करते हैं। उनका कहना है कि इन अजदहों में कुदरती तौर पर शिकार की हैरानकुन सलाहीयत पाई गई है जो दीगर रेंगने वाले जानवरों, परिंदों और बड़े जानवरों में रीकोन और सफेद हिरन का भी शिकार करते हैं। फ़्लोरीडा में 15 लाख एकड़ रकबे पर मुहीत कुदरती पार्क एअर ग्लीडज में हजारों की तादाद में नौ फुट तक लंबे अजदहे पाए जाते हैं जिन्हें पकड़ने के लिए खास महारत के साथ तहम्मुल (धैर्य) भी जरूरी है। उन्हें दो नाकाम रातों के बाद अजदहे का बच्चा नजर आया जिसे दबोचकर उन्होंने अपने थैले में डाला और गिरह लगा दी। उन्होंने बाद में इस अजदहे को मार दिया।
जहां अजदहे जंगली हयात के लिए खतरा हैं, वहीं ये जहनी बीमारीयों का शिकार अमरीकी फौजियों के ईलाज का भी जरीया हैं जो इराक या अफ़्गानिस्तान जंग में हिस्सा ले चुके हैं। अमरीकी शहरी टॉम राहील ने पंद्रह साल कब्ल साबिक अमरीकी फौजियों के लिए एक एसोसीएशन कायम की थी जहां वो अजदहों के शिकार के जरीये जंग की तकलीफ-दह यादों से छुटकारा हासिल करने की कोशिश करते हैं। इराक जंग में हिस्सा लेने वाले अमरीकी फौजी राहम लोंसन ने बताया कि अजदहों के शिकार से उन्हें डिप्रेशन और जहनी दबाव का मुकाबला करने में मदद मिली है। उनका कहना यए कि वो रात को सो नहीं सकते और आधी रात को बारह या दो बजे अगर कोई अजदहों के शिकार पर उन्हें साथ ले जाये तो उन्हें अच्छा और कारआमद महसूस होता है। साल 2000 से अब तक एफडब्लयूसी 17 हजार से जाइद अजदहों को खत्म कर चुका है।