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मुस्लिम नौजवानों को 'अग्नी वीर' बनने की तरगीब देगा मुस्लिम ग्रुप


लखनऊ :
लखनऊ में मुस्लिम दानिशवरों के एक ग्रुप ने अग्नी पथ स्कीम के जरीये मुस्लिम नौजवानों को बड़ी तादाद में हिन्दुस्तानी फौज में शामिल होने की तरगीब देने का बीड़ा उठाया है। 

शाहिद कामरान की कियादत में इस ग्रुप ने एसोसीएशन आफ दी मुस्लिम प्रोफैशनल्ज (एएमपी) के नाम से एक ग्रुप बनाया है जिसका मकसद हिन्दुस्तानी मुसल्लह अफ़्वाज में दाखिले के लिए अग्नी पथ स्कीम के बारे में खौफ, बद-गुमानियों और खदशात को दूर करना है और इस बात को यकीनी बनाना है कि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम नौजवान दरखास्त दें। 

इस काम के लिए एपीएम ने उलमा से अपील की है कि वो नौजवानों से अपील करें कि वो अग्नी पथ की तरफ से पेश करदा मौका का फायदा उठाएं और उतर प्रदेश के शहरों में जुमा के इजतिमाआत के दौरान मुसल्लह अफ़्वाज में शामिल हो कर मुल्क की खिदमत करें जो कि अग्नी पथ मुखालिफ मुजाहिरों का तजुर्बा करने वाले मुकामात में शामिल थे। शाहिद कामरान ने कहा कि हम दीगर स्कीमों की तरह ही मर्कजी हुकूमत की अग्नी पथ स्कीम की हिमायत करते हैं। हमारा पैगाम मुख़्तलिफ शहरों के नामवर उल्मा और मसाजिद के इमाम अहले मुस्लिम नौजवानों तक पहुंचाएंगे। उसके लिए उनकी तरफ से जुमा की नमाज में खुसूसी अपील की जाएगी। कामरान ने कहा कि हम सोशल मीडीया की मदद भी ले रहे हैं और फौज में मुलाजमत के मवाके तलाश करने वाले मुस्लिम नौजवानों की रहनुमाई करने की कोशिश कर रहे हैं। उल्मा जुमा के इजतिमाआत में स्कीम की तफसीलात शेयर करेंगे ताकि 10 वीं और 12वीं पास आउट होने वाले फौरी तौर पर दरखास्त दे सकें। याद रहे रजिस्ट्रेशन का अमल जुमा 24 जून से शुरू हो गया है।  सुन्नी उल्मा काउंसिल के कन्वीनर हाजी मुहम्मद ने कहा कि उम्मीदवारों की उमर 17 साल छ: माह और 23 साल के दरमयान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस इकदाम को कम्यूनिटी की तरफ से हौसलाअफ़्जा रद्द-ए-अमल मिला है। 

अग्नी वीर बनने से मुस्लिम नौजवानों को कई तरह से फायदा पहुँचेगा । ज्यादा से ज्यादा मुस्लमान इस स्कीम के लिए दरखास्त दें और मुल्क की खिदमत करें। एक और आलिम मौलाना खैर उद्दीन ने कहा कि उन्होंने अग्नी पथ स्कीम की तफसीलात सोशल मीडीया पर शेयर की हैं और लोगों से पोर्टल से मजीद तफसीलात हासिल करने को कहा है। अग्नी पथ स्कीम एक नई पहल है जो हकूमत-ए-हिन्द की तरफ से 14 जून 2022 को मुतआरिफ कराई गई थी, जिसमें मुसल्लह अफ़्वाज की तीनों सर्विसेज में कमीशंड अफिसरों के दर्जे से कम फौजियों की भर्ती की जानी है। इस स्कीम के तहत भर्ती होने वाले अफराद चार साल की मुद्दत के लिए खिदमात अंजाम देंगे जिसमें छ: माह की तर्बीयत और इसके बाद 3;5 साल की ताय्युनाती शामिल है। जबकि 75 फीसद भर्ती होने वाले चार साल बाद रिटायर हो जाऐंगे, बाकी मुसल्लह अफ़्वाज के मुस्तकिल कैडर में शामिल हो जाएंगे। 4 साल की सर्विस के बाद रिटायर होने वाले अहलकारों को 11;71 लाख रुपय का यक वक़्ती पैकेज मिलेगा।

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