बैंगलौर : प्री यूनीवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनने पर लगाई गई पाबंदी के खिलाफ एहतिजाज करने वाली दो मुस्लिम तालिबात ने कॉलेज से दूसरे इदारों में दाखिला लेने के लिए नो आब्जेक्शन सर्टीफिकेट (एनओसी) ले ली हैं, जबकि एक तालिबा को ट्रांसफर सर्टीफिकेट (टीसी) जारी किया गया है। खबररसां एजेंसी के मुताबिक तीन में से दो तालिबात ने प्रेस मीटिंग के दौरान कैम्पस के अंदर यूनीफार्म कोड को सख़्ती से लागू करने के यूनीवर्सिटी के फैसले पर सवाल उठाया। दूसरे कॉलेज में दाखिले की मंजूरी के बाद तलबा को टीसी जारी किया जाएगा।
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कॉलेज की प्रिंसिपल अनुसूया राय ने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होने वाली एक और लड़की ने कॉलेज हुक्काम से तहरीरी माफी मांग ली और आॅनलाइन क्लासिज में शिरकत शुरू कर दी है। राय ने मजीद कहा कि केराला के एक मुस्लिम एमएससी (कैमिस्ट्री) की तालिबा ने भी खराबी सेहत का हवाला देते हुए ट्रांसफर सर्टीफिकेट लिया। मंगलोर यूनीवर्सिटी के वाइस चांसलर ने ऐलान किया था कि यूनीवर्सिटी मुस्लिम तालिबात के लिए खुसूसी इंतिजामात करेगी अगर वो यकसाँ कवानीन की पाबंदी नहीं करना चाहतें और दूसरे कॉलिजों में शामिल होना चाहती हैं जिन पर ये पाबंदी नहीं है।
इससे पहले फरवरी में, कर्नाटक हुकूमत ने स्कूलों और कॉलिजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी आइद की थी, जिसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मार्च में फैसला दिया था कि हिजाब पहनना इस्लाम में जरूरी नहीं है और इसके खिलाफ हुकूमती हुकमनामे को कुलअदम करार देने के लिए कोई जबरदस्ती मुकद्दमा नहीं बनाया गया था। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि कर्नाटक हुकूमत के पास इस हुक्म को पास करने का इखतियार है जो उसने 5 फरवरी को किया था, जिसमें कहा गया था कि तलबा को यूनीफार्म पहनना होगा। स्कूल के हुक्काम के खिलाफ तादीबी (अनुशासन) इंक्वायरी की कोई बुनियाद नहीं थी जिसने यूनीफार्म पहनने में नाकामी की वजह से मुस्लिम लड़कीयों के दाखिले से इंकार कर दिया था।