रियाद : सऊदी अरब के नायब वजीर हज व उमरा डाक्टर अब्दुल फताह मशात ने बताया कि मनासिक हज (हज के अहकाम, रस्म) के अहम मुकाम मिना के बुनियादी ढांचे को नए सिरे से तर्तीब दिया जा रहा है। खुद्दाम अलहुजाज इदारों और अंदरून मुल्क हज मुनज्जम करने वाली कंपनियों के वसीअ अलबुनियाद इजलास से जुमा के रोज खिताब करते हुए डाक्टर मशात ने बताया कि हज सीजन के बाद अंदरूने मुल्क हज की तंजीम में काम करने वाले तमाम प्लेटफार्मज के ढाँचे को भी अज सर-ए-नौ देखा जाएगा, जईफुल रहमान (बुजुर्गों) की मेजबानी और खिदमत का फरीजा अंजाम देने वाली कंपनियों की कारकर्दगी का जायजा लेकर आइन्दा उनकी तरफ से फराहम की जाने वाली खिदमात में बेहतरी पैदा करने की कोशिश की जाएगी। इस जायजे का मकसद किसी को सजा या जुर्माना करना हरगिज न होगा।
उन्होंने कहा कि हज के दौरान अल्लाह के मेहमानों को पेश आने वाले तमाम चैलेंजिज से उन्हें आगाह और उसका हल तलाश करने की हर मुम्किन कोशिश की जाएगी। कई हाजी पहली मर्तबा ये फरीजा अंजाम दे रहे होते हैं। वजारत हज के लिए इस हज सीजन के दौरान मुख़्तसर टीम के साथ अल्लाह के मेहमानों की खिदमत करना सबसे अहम बात है। इस काम में हमें को-आर्डीनेशन काउंसिल का तआवुन भी हासिल रहता है। डाक्टर मशात ने वाजिह किया कि हुज्जाज किराम की उमंगों को बेहतर अंदाज में परवान चढ़ाने और उनकी राहनुमाई के लिए इबलागी लवाजमा (संचार उपकरण) तैयार करना अच्छी बात है। इसकी मदद से हुज्जाज की तवक़्कुआत का दर्जा किसी हद तक बढ़ जाता है और इबलागी मवाद यकीनन इस जिÞमन में इंतिहाई अहम किरदार अदा करता है। जिन तरीकों पर अमल किया जा रहा है, उसकी दर्जाबंदी की एक मुकम्मल फाईल तैयार की जाएगी। इस सीजन में भी खुफ़ीया मेहमान के जरीये हाजियों के इत्मीनान का दर्जा चैक किया जाएगा, गुजिशता बरस भी 22 हजार अंदरूने मुल्क हुज्जाज ने खिदमात के जायजा सर्वे में हिस्सा लिया था। हाजियों के इतमीनान का दर्जा मनफी (नकारात्मक) नहीं था और जिसमें हुज्जाज ने बड़े पैमाने पर इंतिजामात के हवाले से अपनी पसंदीदगी का इजहार किया था।
उमरा की मुद्दत पच्चीस दिन तय, सिर्फ हुज्जाज किराम कर सकेंगे उमरा
रियाद : सऊदी अरब की वजारत हज-ओ-उमरा ने कहा है कि आज (जुमा) से उमरा के मनासिक सिर्फ़ आजमीन-ए-हज्ज ही अदा कर सकेंगे। सिर्फ़ उमरा की अदाई की इजाजत नहीं होगी। वजारत हज ने कहा कि उमरा की अदायगी के लिए रिजर्वेशन दुबारा उमरा एप के जरीये 20 जिलहज्ज 1443 हिजरी बरोज मंगल मुम्किन होगी। बयान में कहा गया है कि इस दौरान उमरा के मनासिक को सिर्फ हुज्जाज तक महिदूद रखा जाएगा ताकि आजमीन-ए-हज्ज आराम व राहत के साथ फरीजा हज अदा कर सकें। मस्जिद हराम में मुआविन जनरल सदर डाक्टर साद बिन मुहम्मद ने हज सीजन की अहम तरीन तैयारियों को हतमी शक्ल देने का ऐलान किया है उन्होंने मस्जिद हराम के जिम्मादारान के साथ मुलाकात के दौरान मस्जिद उल हराम के सर्विस सिस्टम के लिए मुतअद्दिद प्रोग्रामों और मन्सूबों पर तबादला-ए-ख़्याल किया। उन्होंने हज के मौके़ पर मुख़्तलिफ एजेंसियों के दरमयान हम आहंगी, तआवुन और मुशतर्का कोशिशों की एहमीयत पर जोर दिया।