अदालतें भी मजलूमीन को मायूस कर रही
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला का मौकिफ, कानूनी लड़ाई के लिए बोर्ड ने कमेटी गठित की
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
गुजिश्ता शब आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की मजलिस-ए-आमला का एक हंगामी आॅनलाइन इजलास तलब किया गया, जिसमें खासतौर पर ज्ञान वापी मस्जिद और मुल्क की मुख़्तलिफ मस्जिदों और इमारतों के सिलसिला में फिरकापरस्त ताकतों ने जो रवैय्या इखतियार कर रखा है, पर तफसील से गौर व किया गया।
इजलास का मकसद था कि एक तरफ नफरत फैलाने वाली कुव्वतें पूरी ताकत के साथ झूटा प्रोपेगंडा कर रही हैं और मुस्लमानों के मुकद्दस मुकामात को निशाना बना रही हैं, दूसरी तरफ मर्कजी और रियास्ती हुकूमतें जिन पर दस्तूर और कानून को नाफिज करने की आईनी जिÞम्मेदारी है, खामोश तमाशाई बनी हुई हैं। अपने आपको सेकूलर और इंसाफ पसंद कहलाने वाली सियासी पार्टियां भी खामोश हैं, उन्हें इस मसला पर अपना मौकिफ (रूख) वाजेह करना चाहीए। हमें उम्मीद है कि वो जल्द से जल्द अपना मौकिफ वाजेह करेंगी। मुल्क के दस्तूर और सेकूलर किरदार की हिफाजत के लिए उनकी तरफ से कोई वाजेह और ठोस आवाज बुलंद होगी।
प्रेस रीलीज में कहा गया कि इजलास का एहसास है कि अदालतें भी अकलीयतों और मजलूमों को मायूस कर रही हैं। उनके इस तर्ज़-ए-अमल की वजह से लाकानूनीयत का रास्ता इखतियार करने वाली फिरकापरस्त ताकतों को हौसला मिल रहा है। ज्ञान वापी का मसला आज से तीस साल कब्ल अदालत में शुरू हुआ था। ज्ञान वापी पर बार-बार सूट फाईल करना और फिर अदालतों के जरीया उस नौईयत के अहकामात जारी करना इंतिहाई मायूसकुन और तशवीशनाक है।
कमेटी तशकील
बोर्ड ने इबादत-गाहों के मुताल्लिक 1991 के कानून और बाबरी मस्जिद से मुताल्लिक फैसले में इस कानून की मजीद ताईद को सामने रखकर गौर करने और मूसिर तौर पर मुकद्दमा पेश करने के लिए एक कानूनी कमेटी बनाई है, जो जस्टिस शाह मुहम्मद कादरी, जनाब यूसुफ हातिम मछाला, जनाब एमआर शमशाद, जनाब फजील अहमद अय्यूबी, जनाब ताहिर एम हकीम, जनाब नयाज फारूकी, डाक्टर कासिम रसूल इलयास और जनाब कमाल फारूकी पर मुश्तमिल है। ये कमेटी तफसील से मस्जिद से मुताल्लिक तमाम मुकद्दमात का जायजा लेगी और मुनासिब कानूनी कार्रवाई करेगी। इजलास में तय किया गया कि जरूरत पड़ने पर पुरअमन अवामी तहरीक भी शुरू की जा सकती है, साथ ही बोर्ड इंसाफ पसंद हिंदू भाईयों और दीगर अकलीयती तबकात को एतिमाद में लेकर मजहबी इबादत-गाहों और मुकद्दस मुकामात के एहतिराम और उनके तहफ़्फुज के सिलसिले में मुशतर्का जिÞम्मेदारीयों पर राय आम्मा बेदार करने का फैसला लिया। इजलास ने हुकूमत से मुतालिबा किया है कि 1991 के इबादत-गाहों से मुताल्लिक कानून के बारे में वो अपना मौकिफ वाजिह करे, ऐसे वाकियात पर हुकूमत की खामोशी एक मुजरिमाना फे़अल है, जो किसी भी तरह कबूल नहीं किया जा सकता।
खतीबो इमाम से अपील
इजलास ने मसाजिद के खुतबा और उलमा से अपील की है कि वो आइन्दा तीन हफ़्ते जुमा के बयान में मस्जिद की एहमीयत, शरीयत में इसका मुकाम व तकदस और मस्जिद के तहफ़्फुज जैसे मौजूआत पर खिताब करें। नीज शरपसंद अनासिर की तरफ से जो गलत दावे किए जा रहे हैं, उनकी इलमी और कानूनी तरदीद पर खिताब फरमाएं। इजलास ने मुस्लमानों से अपील की है कि वो सब्र का दामन थामे रहें, साबित कदमी से काम लें और इश्तिआल से बचते हुए लोगों के सामने अपना मौकिफ पेश करें, हजरत मौलाना सय्यद मुहम्मद राबा हसनी नदवी ने इजलास की सदारत फरमाई, बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना खालिद सैफ-उल्लाह रहमानी ने कार्रवाई चलाई, मौलाना सय्यद अरशद मदनी नायब सदर बोर्ड-ओ-सदर जमीयत-ए-उलमा हिंद, प्रोफेसर डाक्टर सय्यद अली मुहम्मद नकवी नायब सदर बोर्ड, जस्टिस शाह मुहम्मद कादरी, मौलाना मुहम्मद फजल अलरहीम मुजद्ददी सैक्रेटरी बोर्ड, मौलाना मुहम्मद अमरीन महफूज रहमानी सैक्रेटरी बोर्ड, जनाब सय्यद सआदत अल्लाह हुसैनी अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद, डाक्टर मुफ़्ती मुकर्रम अहमद, मौलाना यासीन अली उसमानी, मौलाना असगर अली इमाम मह्दी अमीर जमईयत अहल-ए-हदीस, मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी अमीर शरीयत बिहार, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, मौलाना खलील अलरहमान सज्जाद नामानी, प्रोफेसर सऊद आलिम कासिमी, मुफ़्ती अहमद देवला, असद उद्दीन उवैसी (एमपी ), जनाब आरिफ मसऊद (एमएलए), ई अबूबकर, मौलाना मुहम्मद सुफियान कासिमी देवबंद, मौलाना अब्दुल्लाह मगीसी सदर मिल्ली काउंसिल मौलाना मुहम्मद यूसुफ अली अमीर शरीयत आसाम, मौलाना सगीर अहमद रशादी अमीर शरीयत कर्नाटक, मौलाना सय्यद बिलाल अबदुल हई हसनी, मौलाना अब्दुल अलीम भटकली कासिमी, हाफिज रशीद अहमद चौधरी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, मौलाना अनीस-उल-रहिमान कासिमी नायब सदर मिल्ली काउंसिल, एडवोकेट एमआर शमशाद, एडवोकेट ताहिर एम हकीम, डाक्टर सय्यद कासिम रसूल इलयास, जनाब कमाल फारूकी वगैर और मुल्कभर की अहम शख़्सियतों और मिल्ली तंजीम के सरबराहों ने इजलास में शिरकत की।