भोपाल : मध्य प्रदेश की कुछ जगहों के नाम बदलने के बाद अब रियास्ती हुकूमत एक और जगह का नाम बदलने जा रही है। हुकूमत अब नसरुल्ला गंज का नाम बदलने का मन्सूबा बना रही है, जो वजीर-ए-आला शिवराज सिंह चौहान के बधनी असेंबली हलका के तहत आता है। नसरुल्ला गंज का नाम बदल कर भैरव नड्डा करने की तजवीज मर्कज को भेजी गई है। चौहान ने इतवार को रियास्ती दार-उल-हकूमत भोपाल से 90 किलोमीटर दूर वाके एक कस्बे के खेल, कूद के प्रोग्राम से खिताब करते हुए ये बात कही। जबकि अपोजीशन कांग्रेस ने इसके जरीये सीएम पर फिरकावाराना एजंडे को आगे बढ़ाने का इल्जाम लगाया। नेज बीजेपी का कहना है कि रियास्ती हुकूमत अपनी पूरी तवज्जा रियासत की तरक़्की पर मर्कूज कर रही है। इस साल फरवरी में मध्य प्रदेश हुकूमत ने होशंगाबाद का नाम बदल कर नर्मदापुरम और बाबई का नाम माखन नगर रख दिया है। बाबई मशहूर शायर माखन लाल चतुवेर्दी की जाए पैदाइश है। गुजिश्ता साल नवंबर में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम अदीवासी रानी कमला पति के नाम पर रखा गया था। कांग्रेस के तजुर्मान केके मिश्रा ने सीएम चौहान पर फिरकापरस्ती को फरोग देने और रियासत में अमन को खराब करने का एजेंडा चलाने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कहा कि जब रियासत का सरबराह ही फिकार्वारीयत को फरोग दे रहा हो तो फिर अमन कैसे कायम हो सकता है। सीएम को इस तरक़्की की बात करनी चाहीए जो रियासत में बीजेपी के दौर-ए-हकूमत में नहीं हुई। हालाँकि रियास्ती बीजेपी सेक्रेटरी रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश हुकूमत रियासत की तरक़्की पर मुसलसल तवज्जा दे रही है, लेकिन हर गांव, कस्बा और शहर की अपनी अलग पहचान है। इस की शान के साथ एक तारीख जुड़ी हुई है। कांग्रेस के पुराने नाम को बहाल करने में फिर्कापरस्ती नजर आती है, क्योंकि अप्पोजीशन पार्टी आजादी के बाद से खुशामद की सियासत करती रही है। उन्होंने दावा किया कि नसरुल्ला गंज का नाम तबदील करने का शहरीयों का पुराना मुतालबा था।
भोपाल : मध्य प्रदेश की कुछ जगहों के नाम बदलने के बाद अब रियास्ती हुकूमत एक और जगह का नाम बदलने जा रही है। हुकूमत अब नसरुल्ला गंज का नाम बदलने का मन्सूबा बना रही है, जो वजीर-ए-आला शिवराज सिंह चौहान के बधनी असेंबली हलका के तहत आता है। नसरुल्ला गंज का नाम बदल कर भैरव नड्डा करने की तजवीज मर्कज को भेजी गई है। चौहान ने इतवार को रियास्ती दार-उल-हकूमत भोपाल से 90 किलोमीटर दूर वाके एक कस्बे के खेल, कूद के प्रोग्राम से खिताब करते हुए ये बात कही। जबकि अपोजीशन कांग्रेस ने इसके जरीये सीएम पर फिरकावाराना एजंडे को आगे बढ़ाने का इल्जाम लगाया। नेज बीजेपी का कहना है कि रियास्ती हुकूमत अपनी पूरी तवज्जा रियासत की तरक़्की पर मर्कूज कर रही है। इस साल फरवरी में मध्य प्रदेश हुकूमत ने होशंगाबाद का नाम बदल कर नर्मदापुरम और बाबई का नाम माखन नगर रख दिया है। बाबई मशहूर शायर माखन लाल चतुवेर्दी की जाए पैदाइश है। गुजिश्ता साल नवंबर में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम अदीवासी रानी कमला पति के नाम पर रखा गया था। कांग्रेस के तजुर्मान केके मिश्रा ने सीएम चौहान पर फिरकापरस्ती को फरोग देने और रियासत में अमन को खराब करने का एजेंडा चलाने का इल्जाम लगाया। उन्होंने कहा कि जब रियासत का सरबराह ही फिकार्वारीयत को फरोग दे रहा हो तो फिर अमन कैसे कायम हो सकता है। सीएम को इस तरक़्की की बात करनी चाहीए जो रियासत में बीजेपी के दौर-ए-हकूमत में नहीं हुई। हालाँकि रियास्ती बीजेपी सेक्रेटरी रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश हुकूमत रियासत की तरक़्की पर मुसलसल तवज्जा दे रही है, लेकिन हर गांव, कस्बा और शहर की अपनी अलग पहचान है। इस की शान के साथ एक तारीख जुड़ी हुई है। कांग्रेस के पुराने नाम को बहाल करने में फिर्कापरस्ती नजर आती है, क्योंकि अप्पोजीशन पार्टी आजादी के बाद से खुशामद की सियासत करती रही है। उन्होंने दावा किया कि नसरुल्ला गंज का नाम तबदील करने का शहरीयों का पुराना मुतालबा था।