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भूपेश सरकार का बजट तारीखी और अवामी बहबूद को फरोग देगा

अजहर जमील 

अलताफ अहमद 

दुर्ग।
मध्य ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सदर अलताफ अहमद ने वजीरे आला भूपेश बघेल की जानिब से बुध को पेश किए गए चौथे बजट को सूबे के हर वर्ग के लिए फायदेमंद बजट बताया है। अलताफ ने कहा कि बजट में सेहत और तालीम के साथ ही देही और शहरी तरक्की पर जितना जोर दिया गया है, उतना ही ध्यान अहलकारों, मुलाजमीन, किसानों और मजदूरों के फायदे का भी रखा गया है। कुल मिलाकर उन्होंने इसे हर लिहाज से तारीखी और अवामी बहबूद को फरोग देने वाला बजट कहा। 

अलताफ ने कहा कि पुरानी पेशन योजना राईज करने से सूबे के अहलकारों और मुलाजमीन की बड़ी मांग पूरी कर दी गई है। इससे सूबे के लाखों अहलकारों, मुलाजमीन को बड़ी राहत मिली है। बजट में मोर जमीन मोर मकान और मोर मकान, मोर चिन्हारी स्कीम के लिए 450 करोड़ का इंतेजाम करने से बे घरबारों को मकान मिलेगा। इसी तरह अमृत मिशन 2.0 के तहत शहरी इलाकों में सभी घरों में नल कनेक्शन देने के लिए 200 करोड़ का इंतेजाम करने से जिन घरों में नल कनेक्शन नहीं दिये जा सके हैं, वहां नए कनेक्शन दिये जा सकेंगे। 

अलताफ ने कहा कि एमएलए फंड दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ करने से तरक्कीयाती काम को रफ़्तार मिलेगी। शहरी इदारों की जायदाद के आॅफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में तय दर से 30 फीसद कम करने के ऐलान से निकायों की बड़ी मांग पूरी की गई है। कई साल से सभी निकाय इसकी मांग कर रहे थे। इससे शहरी इदारों की कंडम हो रही जायदाद का बेहतर इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी। वजीरे आला ने देही तरक्की सहित सूबे के रहने वालों की हिफाजत, तालीम और सेहत महकमे की स्कीम के लिए भी कई नई स्कीम लागू करने का ऐलान किया है। वजीरे आला भूपेश बघेल के बजट से तय हो गया है कि अब समूचे छत्तीसगढ़ सूबे में तरक्की का नया बाब लिखा जाएगा। 

सूबे की मेहनतकश अवाम के अज्म का आईना और छत्तीसगढ़ मॉडल का जिंदा सबूत है बजट : अजहर 

दुर्ग। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की जानिब से पेश चौथे बजट को अवाम को सरशार किए जाने पर अपना तास्सुरात देते हुए शहर जिला कांग्रेस के महामंत्री अजहर जमील ने कहा कि सरकार का यह बजट सूबे को क्योटो और पेरिस बनाने की कोरी इमेजीनेशन नही है। पेशकर्दा बजट राज्य की मेहनतकश अवाम किसान, मुलाजमीन समेत सभी लोगों के इरादों और सोच को परवान चढ़ाने वाला है। 

जमील ने कहा, यह बजट मुल्क मे मशहूर उस छत्तीसगढ़ मॉडल को भी नुमायां करता है जिसमे ये साफ है कि सूबे के आखिरी शख्स तक उसका फायदा पहुंचे जो जंगलों, गाँव, कस्बों और शहरों में रहते हंै और सूबे की खुशहाली में शराकतदारी करते हैं। 

इस बजट में झूठे दावे नही हैं, इरादे और अज्म है, इसमें रिटायर्ड मुलाजमीन के लिए बंद पेंशन बहाली है, व्यापम, राज्य लोकसेवा की उम्मीदवारों के लिए फ्री की गई है, किसानों के पंप के लिए फ्री बिजली है, किसानों की पैदावार के लिए चिराग स्कीम है जिससे उनकी माली हालत में सुधार आएगा, तालिबे इल्मों के लिए नए और हर सहूलत वाले तालीमी इदारे हैं। रोजगार के हजारों नए मवाके हंै, ब सलाहियत लोगों के लिए कौशल विकास है, खवातीन की कमेटियों के लिए गौठान में महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क है जिससे उनके तरक्की की राह हमवार होगी। अवाम की हिफाजत के लिए नए थाना भवन है, नए ओहदे हैं। इन सबके बीच भी अवाम के सिर पर किसी नए कर का कोई बो­ा नहीं है महज राहत ही राहत है। यह चौथा बजट उस "घोषणा पत्र" का आईना भी है जिस पर भरोसा करते हुए सूबे की अवाम ने अपनी सरकार को चुना था।


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