मौजूदा अमीर शरीयत से काफी उम्मीदें वाबस्ता
बुलंद अखलाक और सलाहीयत ने बहुत मुतास्सिर किया
जामिआ रहमानी में खत्म कुरआन के इजलास में जनरल सेके्रटरी बोर्ड का इजहार-ए-खयाल, मादर इल्मी वालहाना इस्तकबाल
मुंगेर : शारिब जिया रहमानी
जामिआ रहमानी खानकाह मुंगेर में खत्म बुखारी शरीफ के बाद पीर को खत्म कुरआन शरीफ की मजलिस मुनाकिद हुई, जिसमें 42 तलबा को आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी हजरत मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी ने खत्म कुरआन कराया और तलबा को अपनी दुआओं से नवाजा।
वाजिह हो कि जामिआ रहमानी में हर साल तलबा की एक बड़ी तादाद कुरआन हिफ़्ज मुकम्मल करती है। मौलाना की आमद पर जामिआ के तलबा व असातजा ने उनका वालहाना इस्तिकबाल किया। तलबा से खिताब करते हुए हजरत मौलाना खालिद सैफ उल्लाह साहिब रहमानी ने कहा कि कुरआन-ए-मजीद के अलफाज, रस्म-उल-खत सब महफूज हैं, वो जगह भी महफूज है जहां कुरआन मजीद उतरा, और वो बंदा भी महफूज है, जिसके लिए ये किताब उतारी गई, इसलिए कुरआन-ए-मजीद से जो जितनी मुहब्बत करेगा, वो इतना कामयाब होगा। उन्होंने कहा कि आज मैं जो कुछ हूं, इसी मिट्टी का सदका है, यहां के बुजुर्गों और असातिजा किराम ने हमें बनाने और संवारने का काम किया, खासतौर पर अमीर शरीयत हजरत मौलाना मिन्नत अल्लाह रहमानी और अमीर शरीयत हजरत मौलाना मुहम्मद वली साहिब रहमानी जो हमारे उस्ताज हैं, ने हमारी तालीम व तर्बीयत में अहम किरदार अदा किया। जिसके लिए उस्ताज मुहतरम हजरत मौलाना मुहम्मद वली साहिब रहमानी ने जिस तरह मेरी रहनुमाई और हौसला-अफजाई फरमाई, वो काबिल-ए-जिÞक्र है, उन्होंने कहा कि जामिआ व खानकाह पहूंच कर मुझे ईद जैसी खुशी महसूस हो रही है। मौजूदा साहिब सज्जादा हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी से मेरी मुलाकात कम रही है, मगर कल की मुलाकात ने मुझे बड़ा मुतास्सिर किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जामिआ व खानकाह की उनके जमाना में और तरक़्की होगी। इस दौरान जनरल सेक्रेटरी बोर्ड मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी ने मौलाना मुहम्मद शारिब जिÞया रहमानी की किताब 'हजरत मौलाना मुहम्मद अली मूंगेरी और इस्लाहात का मुआइना फरमाया और इस काविश को काफी सराहा।
प्रोग्राम को जामिआ रहमानी के असातिजा मौलाना अबद अलसुबहान रहमानी, मौलाना जमील अहमद मजाहरी, मौलाना अबद अलदयान रहमानी और मौलाना शहाब उद्दीन अजहरी ने भी खिताब किया। इजलास की निजामत मौलाना मुफ़्ती जुनैद अहमद कासिमी ने की। इजलास का आगाज कारी वसीम अखतर की तिलावत से और इखतताम हजरत मौलाना खालिद सैफ-उल्लाह रहमानी की दुआ पर हुआ।