मोहम्मद हासम अली : अजमेर
सरवाड़ शरीफ सूफी बुजुर्ग हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के साहबजादे हजरत ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स पाक की शुरुआत परचम कुशाई के साथ हुई। अजमेर शरीफ से तकरीबन 65 किलोमीटर दूर सरवाड़ में वाके दरगाह हजरत ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्सपाक 29 रजब मनाया जाता है। शाम को असर की नमाज के बाद दरगाह के बुलंद दरवाजे पर परचम पेश किया गया। इससे कब्ल सरवाड़ कव्वाली व बैंड बाजे के साथ सदर राहों से होता हुआ परचम का जुलूस दरगाह पहुंचा। इस दौरान मलंगों ने अपने हाथो में छोटे-छोटे झण्डे ले रखे थे। कव्वाल सूफियाना कलाम के साथ जुलूस के साथ चलते हुए दरगाह के सदर दरवाजे पर पहुंचे जहां परचम कुशाई की गई। परचम कुशाई की रस्म मुंबई के हाजी अब्दुल मन्नान शेख की जानिब से की गई। परचम कुशाई के बाद मुल्क में अमन, चैन व खुशहाली की दुआएं की गई।