﷽
रबि उल आखिर 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
नबी करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया : अगर कोई शख्स मुसलमानों का हाकिम बनाया गया और उसने उनके मामले में खयानत की और उसी हालत में मर गया तो अल्लाह ताअला उस पर जन्नत हराम कर देता है।
- मिश्कवत
मस्जिद नबवी ﷺ के उमूर की जनरल अथार्टी ने कहा है कि 2024 के दौरान अब तक दस मिलियन अफ़राद ने रौज़ा शरीफा (रियाज़ अल जन्ना में नमाज़ अदा की है।
एसपी के मुताबिक़ रौज़ा शरीफा में मजमूई तौर पर 55 लाख 83 हज़ार 885 मर्दों और 47 लाख 26 हज़ार ख़वातीन ने नमाज़ अदा की। आदाद-ओ-शुमार में बताया गया है कि रौज़ा शरीफा ﷺ में दाख़िले से पहले इंतिज़ार का औसत वक़्त 20 मिनट था। ज़ाइरीन की यौमिया (प्रतिदिन) तादाद 48 हज़ार तक पहुंच गई जबकि ज़ाइरीन को ग्यारह ज़बानों में आगाही फ़राहम की गई। ये इकदमात मस्जिद नबवी ﷺ में ज़ाइरीन और नमाज़ियों के लिए फ़राहम की जाने वाली ख़िदमात को बढ़ाने के लिए ममलकत की क़ियादत की ख़ाहिशात के मुताबिक़ हैं।
एसपी के मुताबिक़ रौज़ा शरीफा में मजमूई तौर पर 55 लाख 83 हज़ार 885 मर्दों और 47 लाख 26 हज़ार ख़वातीन ने नमाज़ अदा की। आदाद-ओ-शुमार में बताया गया है कि रौज़ा शरीफा ﷺ में दाख़िले से पहले इंतिज़ार का औसत वक़्त 20 मिनट था। ज़ाइरीन की यौमिया (प्रतिदिन) तादाद 48 हज़ार तक पहुंच गई जबकि ज़ाइरीन को ग्यारह ज़बानों में आगाही फ़राहम की गई। ये इकदमात मस्जिद नबवी ﷺ में ज़ाइरीन और नमाज़ियों के लिए फ़राहम की जाने वाली ख़िदमात को बढ़ाने के लिए ममलकत की क़ियादत की ख़ाहिशात के मुताबिक़ हैं।
याद रहे रौज़ा शरीफा का रकबा 330 मुरब्बा मीटर है जिसमें फ़ी घंटा 800 अफ़राद की गुंजाइश है। औसतन हर विजीटर को दस मिनट मिलते हैं। रौज़ा शरीफा में ज़ाइरीन के दाख़िले को आसान बनाने के लिए चार मराहिल हैं। नसक़ और तवक्कुलना एप्लीकेशन के ज़रीये अप्वायंटमेंट की तसदीक़, ई डिवाईसेज से क्यूआर कोड स्कैन करना फिर ज़ाइरीन को कुछ देर इंतिज़ार के बाद रौज़ा शरीफा में भेजा जाता है।
मस्जिद नबवी ﷺ उमूर की अथार्टी सिक्योरिटी और इंतिज़ामी इदारों के तआवुन से ज़ाइरीन और नमाज़ियों के लिए रौज़ा शरीफा में नमाज़ और रौज़ा रसूल ﷺ पर हाज़िरी के अमल को आसान बनाने के लिए काम कर रही है।सऊदीया में इस साल नहीं पड़ेगी ज्यादा ठंड
सऊदी अरब में क़ौमी मर्कज़ बराए मौसमियात के तर्जुमान हुसैन अलकहतानी सऊदी टीवी अल अख़बारीह से गुफ़्तगु करते हुए कहा कि मौसमियाती राडार से मौसूल होने वाली रिपोर्ट का जायज़ा लेने के बाद ये तवक़्क़ो की जा रही है कि इस साल मुल्क में सर्दी बहुत ज़्यादा नहीं होगी।माहिर मौसमियात अक़ील अलाकेल का कहना है कि 'अमली तौर पर इस साल मौसम-ए-सरमा का आग़ाज़ एक दिसंबर से होगा। उन्होंने मज़ीद कहा कि 'रवां माह पहाड़ी सिलसिले पर सबसे कम दर्जा हरारत रिकार्ड किया गया जो 10 डिग्री सेंटीग्रेड था।