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हज - 2024 : 21 अफ़राद गिरफ़्तार, 140 हज कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई

हज - 2024 :

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया

सऊदी वज़ारत-ए-दाख़िला का कहना है कि हज सिक्योरिटी फ़ोर्स ने हज ज़वाबत की ख़िलाफ़वरज़ी पर 21 अफ़राद को गिरफ़्तार किया है। सरकारी न्यूज एजेंसी 'एसपीए के मुताबिक़ आठ ग़ैरमुल्कियों जबकि तेरह सऊदी शहरियों को दाख़िली रास्तों पर पकड़ा गया है जो जो 61 अफ़राद को गै़रक़ानूनी तरीक़े से मक्का मुकर्रमा ले जाने की कोशिश कर रहे थे। 
    महिकमा पासपोर्ट एंड इमीग्रेशन 'जवाज़ात की सीज़नल तहक़ीक़ाती कमेटी ने ज़ेर-ए-हिरासत अफ़राद के ख़िलाफ़ 21 इंतिज़ामी फ़ैसले जारी किए। हर एक कैरीयर को (परमिट) के बग़ैर मक्का ले जाने पर 15 दिन की क़ैद और फी कस 10 हज़ार रियाल जुर्माना की सज़ा दी गई। गिरफ़्तार ग़ैरमुल्कियों को सज़ा मुकम्मल करने के बाद ममलकत से बेदख़ल किया जाएगा जबकि गै़रक़ानूनी अफ़राद को मक्का मुंतक़िल करने के लिए इस्तिमाल होने वाली तीन गाड़ियां भी ज़बत की गई हैं।
    वाज़िह रहे कि इदारा अमन आम्मा के डायरेक्टर जनरल अलबसामी ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि हज सिक्योरिटी फ़ोर्स की अव्वलीन तर्जीह हुज्जाज किराम की सलामती-ओ-तहफ़्फ़ुज़ है ताकि वो आराम-ओ-सुकून फ़रीज़ा हज अदा करके सलामती के साथ अपने वतन को जाएं। हज ज़वाबत का मक़सद गै़रक़ानूनी तौर पर हज के लिए जाने वालों को रोकना है ताकि बैरून ममलकत से और क़ानूनी तौर पर हज करने वालों को किसी किस्म की दुशवारी का सामना ना करना पड़े और वो हज के मनासिक आराम से अदा कर सकें।

140 फ़र्ज़ी हज कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई

हज - 2024 :

गै़रक़ानूनी अफ़राद को ट्रांसपोर्ट फराहम करा रहे थे, कई गिरफ़्तार

    सऊदी अरब में इदारा अमन आम्मा के डायरेक्टर और हज सिक्योरिटी अमन कमेटी के सरबराह लेफ़्टीनेंट जनरल मुहम्मद अलबसामी ने कहा है कि ममलकत के तमाम खित्तों और इलाक़ों में फ़र्ज़ी हज इदारों के ख़िलाफ़ कार्यवाहीयां जारी हैं। 
    सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ मुहम्मद अलबसामी मक्का मुकर्रमा में मुशतर्का इदारों की सालाना हज कान्फ्रेंस से ख़िताब कर रहे थे। उन्होंने बताया 'अमन आम्मा की जानिब से ग्राउंड यूनिट्स तयनात किए गए हैं जो मस्जिद उल-हराम के एतराफ़ और मुशाविर मुक़द्दसा में हज क़वानीन-ओ-ज़वाबत की ख़िलाफ़वरज़ी करने वालों के साथ सख़्ती से निमटेंगे। 
    मुहम्मद अलबसामी का कहना था कि हज सीज़न के आग़ाज़ से अब तक ममलकत के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों से 140 फ़र्ज़ी हज कंपनियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और गै़रक़ानूनी अफ़राद को ट्रांसपोर्ट फ़राहम करने पर 64 अफ़राद को हिरासत में लिया गया है। परमिट के बग़ैर मक्का जाने की कोशिश करने वाले एक लाख 71 हज़ार 587 इकामा होल्डर ग़ैरमुल्कियों को वापिस किया गया जबकि एक लाख 53 हज़ार 998 विजिट वीज़े पुराने वालों को भी मक्का जाने की कोशिश करने पर रोका गया। 
    अलावा इसके रैपिड फ़ोर्स के सरबराह मेजर जनरल मुहम्मद अलामरी ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि हज सीज़न के दौरान स्पेशल सिक्योरिटी फ़ोर्सिज़ मक्का मुकर्रमा, मुशाविर मुक़द्दसा और मदीना मुनव्वरा में हुज्जाज की सलामती के लिए काम करती है। गै़रक़ानूनी अफ़राद को मक्का मुकर्रमा में दाख़िल होने से रोकने के लिए भी मुशतर्का तौर पर सिक्योरिटी इदारों के साथ तआवुन किया जाता है। अय्यामे हज में मुशाविर मुक़द्दसा और मस्जिद उल-हराम में हुजूम को कंट्रोल करने लिए भी रैपिड फ़ोर्सिज़ के जवान मुस्तइद्दी से ख़िदमात अंजाम देते हैं। 
    याद रहे कि हज परमिट के बग़ैर मक्का मुकर्रमा जाना क़ानूनशिकनी है जिस पर 6 माह क़ैद और माली जुर्माने की सज़ा मुक़र्रर है। वो अफ़राद जो गै़रक़ानूनी तौर पर मुक़ीम ग़ैरमुल्कियों को मक्का मुकर्रमा ले जाने की कोशिश करते हैं, उन पर माली जुर्माना फी कस 50 हज़ार रियाल तक आइद किया जा सकता है।


मुक़र्ररा इदारों से ही रक़म तब्दील कराएं आजमीन-ए-हज : वज़ारत हज

हज - 2024 :

वज़ारत हज व उमरा ने आज़मीन-ए-हज्ज को हिदायत की है कि वो करंसी तबदील कराने के लिए लाईसेंस याफताह मनी चेंजर्ज की ख़िदमात हासिल करें। आजिल न्यूज़ ने वज़ारत हज-ओ-उमरा की जानिब से जारी हिदायात के हवाले से मज़ीद कहा है कि मुख़्तलिफ़ ममालिक से आने वाले आज़मीन-ए-हज्ज एहतियाती तक़ाज़ों को मद्द-ए-नज़र रखते हुए रक़म तबदील कराने के लिए गै़रक़ानूनी अफ़राद से राबिता ना करें ताकि किसी मुश्किल में मुबतला ना हों। 
    वज़ारत का कहना था कि लाईसेंस याफताह कंपनियां और इदारा सऊदी मर्कज़ी बैंक की जेरे निगरानी काम करते हैं, जिसका मक़सद रक़म के लेन-देन को महफ़ूज़ रखना और आज़मीन के हुक़ूक़ का तहफ़्फ़ुज़ है। सऊदी मर्कज़ी बैंक की जानिब से लाईसेंस याफताह करंसी तबदील करने वाले इदारों पर बाक़ायदा निगरानी रखी जाती है ताकि वो मुक़र्ररा हद से ज़्यादा वसूल ना करें जबकि ऐसे अफ़राद और दुकानें जो ग़ैर लाईसेंस याफताह हैं, उनकी निगरानी मुश्किल हो जाती है। इसलिए वज़ारत हज का कहना है कि आज़मीन रक़म तबदील कराने के लिए मुक़र्ररा इदारों से ही राबिता करें।


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