हुज्जाज कराम की सहूलत के लिए हुक्काम ने मुतआर्रुफ कराए दो एप्लीकेशन 'सहती' और 'मेरी रहनुमाई करें'
सऊदी अरब में सेहत के निज़ाम ने 1445 हिज्री के हज सीज़न के दौरान जईफुर्रहमान को ख़िदमात की फराहमी के लिए इन्सानी कैडर्ज और सेहत की सहूलयात की मुकम्मल तैयारी का ऐलान किया है। इस हवाले से मरबूत तैयारियों और नई टेक्नोलोजी को अपनाया गया है।मक्का मुकर्रमा और मदीना मुनव्वरा में तमाम हस्पताल, मराकज़ सेहत और मोबाइल क्लीनिक्स को हुज्जाज किराम की ख़िदमत पर मामूर कर दिया गया है। सऊदी वज़ारत-ए-सेहत ने बताया कि 32 हज़ार से ज़्यादा तिब्बी और इंतिज़ामी अमले को मुख़्तलिफ़ सेहत की सहूलयात और मराकज़ में तक़सीम किया गया है। मुख़्तलिफ़ ख़सुसीआत के 5,000 से ज़्यादा डाक्टर ज़रूरी सेहत की देख-भाल फ़राहम करेंगे और 183 सेहत की सहूलयात में चौबीस घंटे किसी भी हंगामी सूरत-ए-हाल का फ़ौरी जवाब देने के लिए मौजूद होंगे, 32 हस्पताल,151 सेहत के मराकज़ और 6 मोबाइल क्लीनिक्स में जदीद तरीन तिब्बी टेक्नोलोजी से लैस फ़ौरी और मूसिर (प्रभावशाली) सेहत की देख-भाल की फ़राहमी को यक़ीनी बनाने के लिए 64 हज़ार से ज़्यादा बेडज़ की सहूलत फ़राहम की गई है।
वज़ारत-ए-सेहत ने बताया कि हुज्जाज की ख़िदमत की तैयारी सिर्फ़ इन्सानी और माद्दी आलात तक ही महिदूद नहीं बल्कि इसमें जदीद तरीन हेल्थ टेक्नोलोजीज़ और ख़ुदकार ख़िदमात का इस्तिमाल भी शामिल है। इन सहूलयात में वर्चूअल हस्पताल और इससे मुंसलिक वर्चूअल क्लीनिक जो रीमोट फ़राहम करता है, भी शामिल है। फ़राहम की गई एप्लीकेशन ''सहती' का इस्तिमाल हुज्जाज के सेहत के डेटा को मुनज़्ज़म करने और कोशिशों को मरबूत करने के लिए मरबूत इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और प्लेटफार्म मुहय्या करती है।
अथार्टी ने हंगामी हालत में तेज़-रफ़्तार रद्द-ए-अमल के लिए एंबुलेंस, एयर एंबुलेंस तय्यारों के साथ साथ मोटर साईकिलों और गोल्फ कार्टस को भी मुहय्या किया है। अथार्टी दो हज़ारा 540 से ज़्यादा एंबुलेंस फ़राहम कर रही है। ये एंबुलेंस बंदरगाहों, हज के रास्तों, मक्का मुकर्रमा की मस्जिद हराम और मुक़द्दस मुक़ामात के 98 हंगामी मराकज़ में तक़सीम की गई हैं। सात एयर एंबुलेंस तय्यारों के साथ 694 से ज़्यादा फ़ील्ड वर्करज़ मौजूद हैं।
'मेरी रहनुमाई करें'
मक्का में बैरूनी आज़मीन-ए-हज्ज के लिए मख़सूस बस सर्विस सेंटर की जानिब से जदीद टेक्नोलोजी का इस्तिमाल करते हुए ऑपरेशनल प्लान तर्तीब दिया गया है। आजिल न्यूज़ के मुताबिक सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि बस सेंटर के ज़िम्मे आज़मीन-ए-हज्ज की बेहतर ख़िदमत के लिए डिजीटल ख़िदमात फ़राहम की जा रही है, जिसके तहत 'मेरी रहनुमाई करें' के उनवान से एप भी जारी की गई है।सेंटर के मर्कज़ी कंट्रोल रुम में बैरून ममलकत से आने वाले तमाम आज़मीन का मुकम्मल डेटा मौसूल होता है जिसे बाद में बस सर्विस के मख़सूस शोबों में इरसाल किया जाता है। बस सर्विस के लिए मुख़्तलिफ़ शोबे मौजूद हैं जो इलाक़ों की तक़सीम के मुताबिक़ तर्तीब दिए गए हैं। आज़मीन को उनकी रिहायश तक पहुंचाने के लिए बारकोड के ज़रीये पहले से मुंतख़ब किए गए मुक़ाम का ताय्युन करने के बाद बस सर्विस के शोबे के ज़िम्मेदारों को हिदायात दी जाती हैं। मर्कज़ी कंट्रोल रुम में तमाम ऑप्रेशन की निगरानी के लिए स्मार्ट स्क्रीनज़ नसब हैं जिनकी मुस्तक़िल बुनियादों पर निगरानी का अमल जारी रहता है ताकि किसी भी वक़्त-ए-ज़रूरत पर मुतबादिल सर्विस का फ़ौरी इंतिज़ाम किया जा सके।
बस सर्विस में 1300 सुपरवाइज़र तयनात किए गए हैं जो आज़मीन-ए-हज्ज की रहनुमाई और उनकी ख़िदमत के लिए हमावक़त मुस्तइद रहते हैं।