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सड़कों पर नमाज़ ना पढ़ें, क़ुर्बानी भी सिर्फ़ मुक़र्ररा जगहों पर करें : सीएम योगी आदित्यनाथ

जिल हज्ज-1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

क्या मैं तुम्हें जहन्नुमी लोगों के बारे में ना बताऊं, आप ﷺ ने फरमाया-हर सख्त मिजाज़, बद अखलाक और तकब्बुर करने वाला जहन्नुमी है।

- सहीह बुख़ारी

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यूपी में ईद-उल-अज़हा के तनाज़ुर में योगी सरकार की हिदायात 

✅ लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 

उतर प्रदेश में इस बार ईद-उल-अज़हा की नमाज़ सड़कों पर नहीं पढ़ी जाएगी और क़ुर्बानी सिर्फ़ मख़सूस जगहों पर ही की जा सकेगी। इसके साथ ही ममनूआ जानवरों (गाय, बैल) की क़ुर्बानी पर भी नज़र रखी जाएगी। इस सिलसिले में यूपी अक़ल्लीयती कमीशन ने हिदायात जारी की हैं।
    उतर प्रदेश समेत पूरे मुल्क में 17 जून को ईद उल अज़हा का तेहवार है। इसके हवाले से वाज़िह किया गया है कि सड़कों पर नमाज़ नहीं पढ़ी जाएगी। इसके साथ ही जानवरों की क़ुर्बानी सिर्फ़ मुक़र्ररा जगहों पर होगी। इसके लिए रियास्ती अक़ल्लीयती कमीशन के चेयरमैन इशफ़ाक़ सैफी ने ज़रूरी कार्रवाई के लिए महिकमा दाख़िला और महिकमा शहरी तरक़्क़ी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को ख़त लिखा है। 
    ख़बर मुताबिक़ यूपी अक़ल्लीयती कमीशन के चेयरमैन इशफ़ाक़ सैफी की जानिब से जारी हिदायत में कहा गया है कि इस बार नमाज़ के लिए सड़कों पर जगह नहीं होगी। मसाजिद में मुख़्तलिफ़ जमातों में नमाज़ अदा की जाएगी। इसके अलावा ममनूआ जानवरों की क़ुर्बानी पर कड़ी निगरानी रखने की हिदायात भी दी गई हैं और क़ुर्बानी की जगहों के हवाले से भी अहकामात दिए गए हैं।

ईद-ए-क़ुर्बां : मौलाना मदनी की अपील, ममनूआ जानवरों की क़ुर्बानी से परहेज करें

सड़कों पर नमाज़ ना पढ़ें, क़ुर्बानी भी सिर्फ़ मुक़र्ररा जगहों पर करें : सीएम योगी आदित्यनाथ


नई दिल्ली :  ईद-उल-अदहा के मौक़ा पर हिन्दुस्तानी मुस्लमानों के नाम एक पैग़ाम में जमई उल्मा हिंद के सदर मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि इस्लाम में क़ुर्बानी का कोई मुतबादिल (विकल्प) नहीं है। ये एक दीनी फ़रीज़ा है, जिसकी पाबंदी हर माली तौर पर इस्तिताअत रखने वाले मुस्लमान पर लाज़िम है। इसलिए ये फ़र्ज़ हर हाल में अदा करना है। 
    उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में ज़रूरी है कि मुस्लमान ख़ुद भी एहतियात से काम लें। खासतौर पर क़ुर्बानी के जानवरों की तसावीर सोशल मीडीया पर शेयर ना करें। मौलाना मदनी ने ये भी मश्वरा दिया कि मुस्लमानों को क़ुर्बानी करते वक़्त हुकूमती अहकामात पर पूरी तरह अमल करना चाहिए और ममनूआ जानवरों की क़ुर्बानी से गुरेज़ करें। उन्होंने मुल्क के मुस्लमानों को ईद-उल-अज़हा के मौक़ा पर सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखने का मश्वरा देते हुए कहा कि जानवरों की बाक़ियात को सड़कों, गलियों और नालियों में ना फेंका जाए बल्कि बाक़ियात को इस तरह दफ़न किया जाए कि उससे बदबू न फैले।मौलाना मदनी ने ये भी कहा कि किसी भी किस्म की परेशानी की सूरत में तहम्मुल से काम लेना चाहिए और मुक़ामी थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।



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