शअबान उल मोअज्जम-1445 हिजरी
हदीसे नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लमतकदीर का लिखा टलता नहीं
'' हजरत अबु हुरैरह रदि अल्लाहो अन्हुमा ने फरमाया-अपने नफे की चीज को कोशिश से हासिल कर और अल्लाह ताअला से मदद चाह, और हिम्मत मत हार और अगर तुझ पर कोई वक्त पड़ जाए तो यूं मत कह कि अगर मैं यूं करता तो ऐसा हो जाता, ऐसे वक्त में यूं कह कि अल्लाह ताअला ने यही मुकद्दर फरमाया था और जो उसके मंजूर हुआ, उसने वहीं किया। '' - मुस्लिम शरीफ
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
आलमी इदारा-ए-सेहत ने ख़बरदार किया है कि सऊदीया में मेर्स नामी वबा ममलकत में फिर फूट रही है। इत्तिला के मुताबिक़ गुज़श्ता छः माह के दौरान ममलकत में चार केसेज रिपोर्ट हुए हैं, जिनमें दो अम्वात भी हुई हैं।सऊदी अरब की वज़ारत-ए-सेहत के ज़रीये डब्लयूएचओ को रिपोर्ट की गईं। हालिया छः माह के दौरान आख़िरी केस 26 अक्तूबर 2023 को रिपोर्ट किया गया था। ये केसिज़ रियाद, मशरिक़ी और क़सीम के इलाक़ों से रिपोर्ट किए गए हैं। केसिज़ की लेबोरटरी तसदीक़ के लिए रीयल टाइम की तकनीक इस्तिमाल की गई है। मुतास्सिरा मरीज़ों की उमरें 59 से 93 साल के दरमयान थी।
पिछले साल 15 सितंबर 26 अक्तूबर के दरमियान पाँच हफ़्तों के दौरान बुख़ार, खांसी और सांस की क़िल्लत समेत दीगर अलामात पैदा हुईं। दो अम्वात 19 अक्तूबर और 24 दिसंबर को रिपोर्ट की गई थीं। चार मरीज़ों में से, एक ऊंट का मालिक था, और दूसरे का ऊंटों से बिलवासता राबिता था क्योंकि उनके ख़ानदान के अफ़राद ऊंटों के मालिक हैं।
सउदी अरब : सालाना जलसे पर क़दीम सऊदी कपड़ों की मांग बढ़ी, ख़रीदारी में गैर मुल्की आगे
रियाद : सऊदी अरब का यौम तासीस (फाउंडेशन डे) जुमेरात 22 फरवरी को मनाया जाएगा। इसे देखते हुए बाज़ार में माज़ी में इस्तिमाल होने वाले रिवायती लिबास और चीजों की मांग में इज़ाफ़ा देखने में आ रहा है। उलार बया चैनल के मुताबिक़ इस वक़्त जहां सऊदी शहरी यौम तासीस के लिए मुख़्तलिफ़ रिवायती अश्या (चीजें) और कपड़े ख़रीद रहे हैं। मुल्क में मुक़ीम ग़ैर मुल्की भी इन क़दीम रिवायती लिबास और घरेलू सजावट की ख़रीदारी में दिलचस्पी ले रहे हैं।ममलकत का यौम वतनी हो या यौम तासीस, यहां मुक़ीम ग़ैर मुल्की उसे हर साल जोशोख़रोश से मनाते हैं। इस दिन को यादगार बनाने के लिए ग्रीन लाइट्स, घरेलू सजावट की अश्या और सऊदी कपड़े की ख़रीदारी की जाती है। यौम तासीस की तैयारीयों के लिए ममलकत में रिवायती लिबास फ़रोख़त करने वाली दुकानों पर इन दिनों काफी रश देखा जा रहा है। ममलकत के क़दीम कपड़ों की तलब बढ़ गई है। सऊदी रिवायती लिबास फ़रोख़त करने वाली एक दुकानदार ने बताया कि उन्होंने दो दिन के अंदर 3 हज़ार से ज़्यादा कपड़ों की बिक्री की है। दीगर अश्या भी इस दौरान काफी फ़रोख़त हो रही है। दिलचस्प पहलू ये है कि ज़्यादा-तर ख़रीदार ग़ैर मुल्की हैं। एक और दुकानदार ने बताया इन दिनों सऊदी लिबास और दीगर रिवायती अश्या की ख़रीदारी आम दिनों के मुक़ाबले में 80 फ़ीसद बढ़ी हुई है।
एक दुकानदार का इस हवाले से कहना था, सऊदी लिबास और दीगर अश्या की ख़रीदारी में बच्चे पेश-पेश हैं, इसकी वजह यह है कि स्कूलों में भी यौम तासीस मनाया जाता है। जबकि खवातीन घरेलु सजावट और कपड़ों की खरीदी में दिलचस्पी दिखा रही हैं।