रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी
विसाल (16 रमज़ान)
हज़रत सय्यदना शाह आले मुहम्मद मारहरवी क़ुद्देसु सिर्रहु
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हदीस-ए-नबवी ﷺ
'' माहे रमजान में अल्लाह ताअला का जिक्र करने वाले को बख्श दिया जाता है और इस माह में अल्लाह ताअला से मांगने वाले को नामुराद नहीं किया जाता है। ''-------------------------------------------------
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
माहिर फ़लकियात (खगोल विज्ञानी) डाक्टर अबद अल्लाह अलमसंद ने कहा है कि रमज़ान उल मुबारक के 30 रोज़े होंगे जबकि ईद उल फितर बुध 10 अप्रैल को होगी। सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ उन्होंने कहा है कि आज यानी पीर को सुबह 10 बजकर दो मिनट पर चांद गहन था। हालांकि इसे देखा नहीं जा सका। इसके अलावा फ़लकी हिसाब से आज ही चांद पूरा हो गया है। उन्होंने कहा है कि ऐसी सूरत में चांद गरहन आम तौर पर नज़र नहीं आता ना ही उसकी नमाज़ पढ़ी जाती है। उन्होंने कहा कि इसी तरह 8 अप्रैल ब मुताबिक़ 29 रमज़ान को शुमाली और वसती अमरीका में सूरज गरहन होगा जो मशरिक़ वुसता (मध्य-पूर्व) में नज़र नहीं आएगा। इस एतबार से इस दिन यानी 29 रमज़ान को हिलाल की पैदाइश मुम्किन नहीं होगी ना ही उसका मुशाहिदा मुम्किन होगा। उन्होंने कहा है कि उस दिन चांद, सूरज ग़ुरूब होने से पहले डूब जाएगा। इन हालात के एतबार से रमज़ान उल-मुबारक के 30 रोज़े मुकम्मल होंगे।
मस्जिद अल हरम में इफतार के लिए हर रोज बिछाए जा रहे 2 हजार 400 दस्तर-ख़्वान
रियाद : रमज़ान उल-मुबारक के दौरान मस्जिद अल हरम में ज़ाइरीन-ओ-मात्मरीन के लिए इफ़तार दस्तर-ख़्वानों का एहतिमाम सदियों पुरानी रिवायत है जो आज भी जारी-ओ-सारी है। अख़बार 24 से बात करते हुए इफ़तार दस्तर-ख़्वान इंतिज़ामीया के रुक्न (सदस्य) इज़ाम अलल हयानी ने बताया कि मस्जिद अल हराम में रोज़ाना 2400 दस्तर-ख़्वानों का एहतिमाम किया जाता है जिस पर हज़ारों अफ़राद इफ़तार करते हैं।उन्होंने बताया कि एक दस्तर-ख़्वान 16 मीटर लंबा होता है जिस पर 32 इफ़तार बॉक्स रखे जाते हैं, जो खजूर, केक और पाई पर मुश्तमिल होते हैं। इफ़तार की फ़राहमी के लिए ख़ैराती इदारों और शख़्सियात की जानिब से हरमैन शरीफ़ैन अथार्टी की वेबसाइट पर ई-रजिस्ट्रेशन का आग़ाज़ रमज़ान से पहले किया जाता है अलावा इसके एक ख़ैराती इदारे अमीराती ट्रस्ट के कारकुन सामी अल ज़हरानी ने कहा कि ट्रस्ट का आग़ाज़ 12 साल क़बल हुआ था। ट्रस्ट की जानिब से 150 रज़ाकारों की मदद से 9 हज़ार इफ़तार बॉक्स तक़सीम किए जाते हैं जिसमें 6 हज़ार मस्जिद अल हराम के अंदर जबकि 3 हज़ार बैरूनी सेहन में तक़सीम किए जाते हैं।
इफ़तार बॉक्स जूस, खजूर, कप केक और बिस्कुट पर मुश्तमिल होते हैं। वाजेह रहे कि रमज़ान में ख़ैराती इदारों और शख़्सियात की कोशिश होती है कि मस्जिद अल हराम में ज़्यादा से ज़्यादा इफ़तार दस्तर-ख़्वान का एहतिमाम किया जाए।
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