✒ वाराणसी : आईएनएस, इंडिया
महिकमा आसारे-ए-क़दीमा यानी आरक्योलोजीकल सर्वे आफ़ इंडिया (एएसआई) की टीम ने अपने तौर पर पहली बार ज्ञान वापी का एक नक़्शा बनाया है। एएसआई के मुताबिक़ इससे पहले जो नक्शा बनाया गया था, वो काशी के लोगों से बातचीत किए बिना और तखय्युल (कल्पना) की बिना पर बनाया गया है। जिसे मुस्तनद (भरोसेमंद) नहीं कहा जा सकता।ये पहला मौक़ा है, जब ज्ञान वापी की लंबाई और चौड़ाई और उसके ढाँचे को साईंसी तरीक़ा इस्तिमाल करते हुए मुस्तनद तफ़सीलात दस्तयाब की गई हैं। ज्ञान वापी की 839 सफ़हात की सर्वे रिपोर्ट ज़िला जज की अदालत में दाख़िल की गई थी। प्लाट नंबर 9130 पर वाके ज्ञान वापी काम्प्लेक्स का नक़्शा रिपोर्ट के जिल्द नंबर 4 के सफ़ा नंबर 207 में पेश किया गया है। इसके मुताबिक़ पहली बार ज्ञान वापी काम्प्लेक्स का मलबा साफ़ करने के बाद जदीद आलात (आधुनिक उपकरण) की मदद से साईंसी तरीक़ा इस्तिमाल करते हुए नक़्शा बनाया गया है। ऐसा पहले नहीं हुआ था। रिपोर्ट में मर्कज़ी हाल, नार्दर्न हाल, ईस्ट वेस्ट और नॉर्थ साऊथ कोरीडोर्ज और ज्ञान वापी के मौजूदा ढाँचे से मुल्हिक़ (लगे हुए) कमरों की लंबाई और चौड़ाई की असल हालत की तफ़सील दी गई है।
सर्वे में शामिल आसारे-ए-क़दीमा के माहिरीन के मुताबिक़ हम यक़ीन से कह सकते हैं कि तारीख़ में पहली बार ज्ञान वापी का मुस्तनद नक़्शा एएसआई ने बनाया है।