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✒ देहरादून : आईएनएस, इंडिया
उन्होंने कहा कि ये रियासत में तालीम की खराब हालत को जाहिर करता है जहां बीजेपी गुजिश्ता सात सालों से बरसर-ए-इकतिदार है। आखिर गैर मुस्लिम खानदान अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों के बजाय मुस्लमानों के मदरसे में पढ़ने क्यों •ोजेंगे, उन्होंने कहा कि ये रियासत के तालीमी निजाम पर एक बड़ा सवालिया निशान है। उन्होंने कहा कि ये बीजेपी हुकूमत के मयारी तालीम और हिंदूत्व के बारे में बुलंद-ओ-बाग दावों के खोखलेपन को जाहिर करता है। कांग्रेस लीडर ने कहा कि अगर गैर मुस्लिम खानदानों को अपने बच्चों को मदरसों में पढ़ने के लिए •ोजना है तो बीजेपी हुकूमत को खुद का जायजा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर रियासत में राइट टू एजूकेशन एक्ट को सही तरीके से लागू किया जाता तो उन बच्चों को अच्छे स्कूलों में दाखिला मिल जाता।
नेशनल कमीशन फार प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राइट्स की तरफ से अकलीयती बहबूद के महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को 9 नवंबर को तलब किए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि रियास्ती वजीर-ए-तालीम धनसिंह रावत को •ाी कमीशन को तलब किया जाना चाहिए था।