✒ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया अकवाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्टÑ) में इन्सानी हुकूक के इदारे के सरबराह ने सात अक्तूबर के बाद आलमी सतह पर नफरत की लहर तेजी से उ•ारने पर सख़्त रंजीदगी का इजहार करते हुए कहा है दुनिया में यहूदीयों के खिलाफ रद्द-ए-अमल के वाकियात में इजाफा हो गया है। इसी तरह इस्लाम और मुस्लमानों के बारे में नफरत, जिसे अमरीका और यूरोप में इस्लामो फोबिया का नाम दिया जाता है, में •ाी इजाफा हो गया है।
इन्सानी हुकूक के चीफ वोलकर ने इस बारे में बात करते हुए आॅनलाइन और आॅफलाइन दोनों किस्म के नफरती वाकियात का तजकिरा किया। उन्होंने एक बयान में कहा कि इस बोहरान (संकट) का असर दुनिया के हर इलाके में फलस्तीनीयों और यहूदीयों दोनों के लिए गैर इन्सानी है। उन्होंने कहा कि गजा-इसराईल जंग के बाद से हमने नफरत पर मबनी तकारीर में शदीद तेजी देखी है जो समाज को तोड़ने का काम कर रही हे। मुस्लमान और यहूदी दोनों खुद को महफूज नहीं समझते। वाजेह रहे कि इसराईल ने गजा पर तकरीबन एक माह से मुसलसल बमबारी कर गजा को तकरीबन तबाह कर दिया है। 9 हजार से जाइद शहरीयों को हलाक कर दिया है जिनमें बड़ी तादाद औरतों और बच्चों की है। इसकी वजह से दुनिया•ार में एक तनाव और नफरत की लहर उ•ार रही है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम और यहूद मुखालिफ माहौल में एकञदूसरे पर हमले हो रहे हैं। सियासी रहनुमाओं की तरफ से जहरीली तकरीरों की वजह से आग •ाड़काई जा रही है। सोशल मीडीया पर •ाी नफरत •ारी जबान इस्तिमाल की जा रही है। जबकि इन्सानी हुकूक का बैन-उल-अकवामी कानून वाजेह है कि किसी •ाी तरह की कौम, नस्ल परस्ताना और मजहब की बुनियाद पर नफरत का फैलाया जाना गै़रकानूनी है।
पाबंदी के बावजूद जर्मनी की सड़कें फलस्तीनीयों के हक में नारों से गूँजती रहीं
बर्लिन : जर्मनी के दार-उल-हकूमत बर्लिन में हजारों शहरी फलस्तीनीयों के हक में और गजा पर मुसलसल इसराईली बमबारी के खिलाफ मुजाहरा करने के लिए सड़कों पर निकल आए। पुलिस ने मुजाहिरीन की तादाद दस हजार से •ाी ज्यादा बताई है। वाजेह रहे, जर्मन पुलिस ने जुमेरात के रोज फलस्तीनीयों के हक में इस तरह का मुजाहरा करने पर ये कह कर पाबंदी लगा दी थी कि इससे तसादुम (टकराव) का खतरा है। ताहम जर्मन शहरी इस पाबंदी के बावजूद बड़ी तादाद में सड़कों पर निकल आए। कई मुजाहिरीन अपने बच्चों और खानदानों के साथ एहतिजाज में शरीक हुए और ‘गजा को बचाव,’ ‘फलस्तीनीयों की नसलकुशी बंद करो’ और ‘जंग बंदी करो’ के नारे लगा रहे थे। अपने हाथों में वे मुख़्तलिफ नारों और मुतालिबात पर मबनी बैनर और फलस्तीनी पर्चम उठा रखे थे मुजाहिरे की अपील मुतअद्दिद तन्जीमों और समाजी ग्रुपों ने दी थी। उनका अंदाजा था कि मुजाहिरीन की तादाद दो हजार तक रहेगी, लेकिन पुलिस ने ये तादाद दस हजार से •ाी ज्यादा बताई। मुजाहिरे को कंट्रोल करने के लिए जर्मन पुलिस को 1400 पुलिस अहलकार तयनात करने पड़े।फलस्तीन के लिए सऊदी में डोनेशन मुहिम 294 मिलियन रियाल से पार कर गई
रियाद : सऊदी अरब की जानिब से गजा के मुतास्सिरीन के लिए शुरू की जाने वाली अवामी अतीया मुहिम में अब तक कुल अतयात 294 मिलियन रियाल से तजावुज कर गई। अखबार के मुताबिक शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज आॅल सऊद और वली अह्द ममलकत शहजादा मुहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज आॅल सऊद की जानिब से जुमेरात को गजा के लिए अवामी अतयात मुहिम शुरू करने का ऐलान किया गया था। मुहिम शुरू किए जाने का ऐलान शाह सलमान मर्कज बराए इमदाद के निगरान आला और शाही मुशीर डाक्टर अब्दुल्लाह बिन अब्दुल अजीज अल रबीअह ने किया। अतीया मुहिम में सबसे पहले शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज की जानिब से 30 मिलियन रियाल अतीया किया गया जिसके बाद वली अहद ममलकत शहजादा मुहम्मद बिन सलमान की जानिब से 20 मिलियन रियाल का अतीया मर्कज के साहम पोर्टल में जमा किया गया।मुहिम शुरू होने के बाद से अब तक 4 लाख 96 हजार अफराद ने गजा में अपने फलस्तीनी •ााईयों के लिए अतयात जमा कराए जिनका सिलसिला जारी है। ममलकत की तमाम मसाजिद में गजा के लिए इमदादी मुहिम के हवाले से नमाज-ए-जुमा के खुतबात में अतीया मुहिम के बारे में लोगों को मतला (सूचित) किया गया। वाजेह रहे कि शाह सलमान मर्कज, बराए इमदाद-ओ-फलाह इन्सानियत के तहत 'साहम पोर्टल जारी किया गया है, जहां अतयात जमा कराए जा सकते हैं। इसके अलावा मुशतर्का बैंक अकाउंट •ाी शाह सलमान मर्कज की वेबसाइट पर मौजूद है, जिसके जरीये अतयात इरसाल किए जा सकते हैं।