✒ तेहरान : आईएनएस, इंडिया
ईरान के सुप्रीम लीडर आयत अल्लाह अली खामनाई ने मुस्लिम ममालिक से इसराईल को तेल और खुराक की बरामदात (एक्सपोर्ट) ना करने का मुतालिबा करते हुए गजा की पट्टी पर बमबारी बंद करने की अपील की है। खबर के मुताबिक ईरान के सरकारी मीडीया का हवाला देते हुए बताया गया है कि सुप्रीम लीडर ने अपनी तकरीर में कहा है गजा पर बमबारी फौरी तौर पर बंद होनी चाहिए साथ ही सेहोनी रियासत को तेल और खुराक की बरामदात का रास्ता रोकना चाहिए।7 अक्तूबर को होने वाले हमले के जवाब में गजा में मौजूद तेहरान की हिमायतयाफताह तंजीम हम्मास का सफाया करने का अजम जाहिर किया है। इसराईल ने गजा के रिहायशी इलाकों पर इंतिहाई शदीद बमबारी की है और पूरे इलाके का मुहासिरा (घेराबंदी) कर रखा है। फलस्तीनी हुक्काम का कहना है कि इसराईली बमबारी में 8000 से जाइद अफराद हलाक हो चुके हैं। ईरान के उल्मा हुक्काम ने इसराईल को खबरदार किया है कि अगर वो फलस्तीनीयों के खिलाफ जारहीयत को खत्म नहीं करता है तो इस जंग में मजीद इजाफा होगा।
अरदन ने इसराईल से अपना सफीर वापस बुलाने का किया ऐलान
अम्मान : अरदन ने बुध के रोज कहा है कि वो गजा में बरसरे इक्तेदार हम्मास के खिलाफ जारी इसराईल की जंग पर एहतिजाज करते हुए इसराईल से अपने सफीर को फौरी तौर पर वापिस बुला लेगा। इसराईल के मुताबिक गजा में उसकी कार्रवाई 7 अक्तूबर को इसराईली आबादियों पर हम्मास के जंगजूओं के हमले के जवाब में है जिसमें 1400 अफराद मारे गए थे और 230 से ज्यादा को यरगमाल बना लिया गया था। अरदन की वजारत-ए-खारजा (विदेश मंत्रालय) ने एक बयान में कहा कि वजीर-ए-खारजा एमन सफादी ने इसराईल से अरदन के सफीर को फौरी तौर पर वापस बुलाने का फैसला किया है, जिसकी वजह गजा में जारी इसराईली जंग में बेगुनाह लोगों की हलाकत है, जिससे एक ऐसी इन्सानी तबाही जन्म ले रही है, जिसकी मिसाल नहीं मिलती। 7 अक्तूबर से जारी इसराईली बमबारी और उसके बाद जमीनी फौज के हमले में गजा की पट्टी में हम्मास की वजारत-ए-सेहत के मुताबिक 8500 से जाइद अफराद हलाक हो चुके हैं जिनमें ज्यादातर खवातीन और बच्चे हैं।यही नहीं, गजा की नाकाबंदी से ईंधन की शदीद किल्लत पैदा हो गई है और अस्पतालों को अपने जनरेटर चलाकर ईलाज जारी रखने में दुशवारी का सामना करना पड़ रहा है। गजा के वाहिद कैंसर अस्पताल ने कहा है कि ईंधन ना होने के बाइस काम बंद हो गया है जिससे 70 मरीजों की जिंदगी को खतरात लाहक हो गए हैं। अब ये तनाजा 26 वें रोज में दाखिल हो चुका है। जुमे के रोज इसराईल ने अपनी जमीनी कार्यवाईयों का दायरा बढ़ाते हुए गजा की जानिब पेशकदमी की तो सफादी ने सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में मुतनब्बा (खबरदार) किया कि इसके नतीजे में इतनी बड़ी तबाही का सामना हो सकता है जिसका तसव्वुर •ाी मुश्किल है।
1994 में अरदन, मिस्र के बाद इसराईल के साथ अमन कायम करने वाली दूसरी अरब रियासत बन गई थी। मिस्र ने इसराईल के साथ 1979 में ताल्लुकात कायम किए थे। अरदन में इस वक़्त 20 लाख से जाइद फलस्तीनी पनाह गजीन रह रहे हैं। जंग शुरू होने के बाद से, अरदन में गजा की हिमायत में कई बड़े एहितजाजी मुजाहिरे हुए हैं और मुजाहिरीन हुकूमत से इसराईल के साथ अमन मुआहिदे को मंसूख करने और इसराईली सिफारत खाने को बंद करने का मुतालिबा कर रहे हैं। वाइट हाऊस ने कहा है कि मंगल के रोज, अमरीकी सदर जो बाईडन ने अरदन के शाह अबदुल्लाह दोम के साथ बात की, जो अमरीका के एक अहम शराकतदार हैं। दोनों रहनुमाओं ने तशद्दुद को रोकने, बयानबाजी कम करने और इलाकाई कशीदगी में कमी के किसी फौरी तरीका कार पर तबादला-ए-ख़्याल किया। वाइट हाऊस के एक बयान में कहा गया है कि सदर बाईडन और शाह अबदुल्लाह ने इस बात पर इत्तिफाक किया कि इस बात को यकीनी बनाना जरूरी है कि फलस्तीनीयों को गजा से जबरदस्ती न निकाला जाए।
बमबारी में गजा की मशहूर फलस्तीनी अदाकारा अपनी दो बेटियों के साथ जांबाहक
गजा पट्टी पर जारी इसराईली बमबारी ने फलस्तीनी फनकारा ईनास अलस्का के घर को •ाी निशाना बनाया गया । इस बमबारी में ईनास अलस्का और उनकी दो बेटियां लेन और सारा •ाी जांबाहक हो गईं। फलस्तीनी वजारत-ए-सकाफत ने अपने आफिशियल फेसबुक पेज पर ईनास अलस्का और उनकी दो बेटीयों की मौत का ऐलान किया। अलस्का को गजा के थिएटर में पहली खवातीन कारकुनों में से एक समझा जाता है। उन्होंने बच्चों के साथ बहुत से ड्रामा और थिएटर वर्कशॉप्स का इनइकाद किया। ईनास अलस्का ने अल-कूदस में उश्तुर थिएटर और स्वीडिश अकेडमी के साथ बहुत सी वर्कशॉप्स में हिस्सा लिया। इंजीनीयरिंग में बैचलर की डिग्री हासिल करने वाली अलस्का फलस्तीनी एसोसीएशन के लिए हुनर-मंद ट्रेनर थीं।