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लेबनान का इसराईल पर सफेद फास्फोरस बम हमलों का इल्जाम, जैतून के 40 हजार दरख्त पूरी तरह जल गए

सलामती काउंसिल जाने की चेतावनी

लेबनान का इसराईल पर सफेद फास्फोरस बम हमलों का इल्जाम, जैतून के 40 हजार दरख्त पूरी तरह जल गए

बेरूत : आईएनएस, इंडिया

लेबनान ने इसराईल पर सफेद फास्फोरस बम हमलों का इल्जाम आइद करते हुए कहा है कि वो अकवाम-ए-मुत्तहिदा में इसके खिलाफ शिकायत जमा कराएगा। लेबनान का ये बयान लेबनानी वजीर के उस दावे के बाद सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि इसराईल के आग लगाने वाले हथियार ने 40 हजार दरख़्तों को जला डाला। फ्रÞांसीसी न्यूज एजेंसी के मुताबिक हुकूक के ग्रुपों और लेबनानी हुक्काम ने कई बार इसराईल पर हथियार इस्तिमाल करने का इल्जाम आइद किया है, जिसकी जद में अगर कोई शख़्स आ जाए तो वो जल सकता है, ताहम इसराईल ने इन इल्जामात की तरदीद की थी। लेबनान के वजीर-ए-खारजा अब्दुल्लाह हबीब ने कहा है कि मैंने अकवाम-ए-मुत्तहिदा में लेबनानी मिशन को सलामती काउंसिल में एक नई शिकायत जमा कराने की हिदायत की है ताकि लेबनान पर इसराईल के सफेद फास्फोरस बम हमलों के इस्तिमाल की मुजम्मत की जा सके। 
    उन्होंने एक बयान में इसराईल पर जानबूझ कर लेबनान के बागात और जंगलात को जलाने का इल्जाम लगाया। फलस्तीनी अस्करीयत पसंद तंजीम हम्मास के सात अक्तूबर को इसराईल पर तबाहकुन हमले के बाद लेबनान की जुनूबी सरहद पर इसराईल और ईरान की हिमायतयाफता हिज्बुल्लाह के दरमियान झड़पों का तबादला देखने में आया है। न्यूज के मुताबिक लेबनान में झड़पों में कम अज कम 62 अफराद हलाक हुए हैं, जिनमें ज्यादातर हिज्बुल्लाह के अस्करीयत पसंद जबकि एक सहाफी समेत चार शहरी •ाी शामिल हैं। इसराईल ने कहा है कि आठ अफराद मारे गए जिनमें फौजी और आम शहरी शामिल हैं। इसराईली हमलों से सरहदी इलाके में जैतून के बागात •ाी झुलस गए जबकि लेबनान के जुनूब में मंगल को एक आग ताहाल •ाड़क रही है। वजीर-ए-जराअत (कृषि मंत्री) अब्बास अल्हाज हसन का कहना है कि इसराईल के सफेद फास्फोरस हमलों से लेबनान में  40,000 जैतून के दरख़्त जल गए हैं। 
    उन्होंने सहाफी को बताया कि वजारत को इबतिदाई सर्वे में ये पता चला कि हमारे इलाकों पर इसराईली दुश्मन की फास्फोरस बमबारी के नतीजे में जगह-जगह आग लग गई। वाजेह रहे कि बैन-उल-अकवामी कानून के मुताबिक आम शहरियों के खिलाफ फास्फोरस (गंधक) के बम इस्तिमाल करने पर पाबंदी है। इससे कब्ल मंगल को एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा था कि उसके पास 10 और 16 अक्तूबर के दरमयान जुनूबी लेबनान में 'इसराईल की जानिब से सफेद फास्फोरस के गै़रकानूनी इस्तिमाल के सबूत हैं। ह्यूमन राइट्स वाच ने इसराईल पर रवां माह के अवाइल (शुरूआत) में गजा और लेबनान में सफेद फास्फोरस इस्तिमाल करने का इल्जाम •ाी लगाया था जिसकी इसराईल ने तरदीद की थी।

फलीस्तीनियों के साथ इजहार-ए-यकजहती के लिए फिलपाइन में रैली 

मनीला : फिलपाइन के दार-उल-हकूमत (राजधानी) मनीला में मंगल को फलस्तीन पर कब्जे और गजा पर मुसलसल हलाकतखेज बमबारी के खिलाफ इसराईल के सिफारत खाने के सामने रैली निकाली गई। खबर के मुताबिक एहितजाजी रैली में सिविल सोसाइटी के मुतअद्दिद (कई) ग्रुपों, जिनमें निचली सतह के शहरियों की बड़ी इत्तिहादी तंजीम, खवातीन की अंजुमनें, सेहत से मुताल्लिका अफराद, तारकीन-ए-वतन (अप्रवासी) और तलबा ने शिरकत की। मुजाहिरीन ने फलस्तीनी झंडे और बैनर्ज उठा रखे थे, जिन पर ‘फलस्तीन के लिए खड़े होने के लिए आपको मुसलमान होने की जरूरत नहीं, सिर्फ इन्सान बनने की जरूरत है’, ‘नसलकुशी बंद करो’ और ‘फलस्तीन पर इसराईली कब्जा अब खत्म करो’ के नारे लिखे थे। 
    इत्तिहादी तंजीम के सदर का कहना है कि हमने इस एहितजाजी रैली की मंसूबाबंदी नवंबर के महीने के लिए की थी। उन्होंने कहा कि गजा में शहरियों पर इसराईली हमलों में शिद्दत और फिलपाइनी हुकूमत का अमरीका के नक्शे कदम पर चलने और गुजिशता हफ़्ते अकवाम-ए-मुत्तहिदा की फौरी जंग बंदी की करारदाद (प्रस्ताव) से परहेज करने के फैसले ने हमारा सड़कों पर आना जरूरी बना दिया। सदर ने कहा कि हमारे इस एहितजाजी इकदाम का मकसद फलस्तीनी अवाम के साथ इजहार-ए-यकजहती और फलस्तीनीयों के खिलाफ होने वाली नसलकुशी की शदीद मुखालिफत है। हमारा ये एहतिजाज इसराईली हुकूमत के खिलाफ है। यकीनन अमरीकी और फिलपाइनी हुकूमत के खिलाफ •ाी है, जिसने अकवाम-ए-मुत्तहिदा की अहम करारदाद से मुँह मोड़ने की कोशिश की है।



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