✒अलीगढ़ : आईएनएस, इंडिया योगी आदित्य नाथ के उतर प्रदेश में इकतिदार सं•ाालने के बाद से एक मखसूस अज्म के साथ जगहों के नाम बदलने का अमल जारी है। इसके तहत यूपी में कई जगहों के नाम बदले जा चुके हैं। इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयाग राज कर दिया गया है। इस सिलसिले में अब यूपी के अलीगढ़ का नाम •ाी बदलने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अलीगढ़ का नाम अब हरी गढ़ हो जाएगा।
गुजिश्ता मंगल को म्यूनसिपल कार्पोरेशन के इजलास में नाम तबदील करने की तजवीज को मंजूरी •ाी दे दी गई है। म्यूनसिपल कार्पोरेशन की मीटिंग में अलीगढ़ का नाम बदल कर हरी गढ़ करने की तजवीज की मंजूरी पर मेयर प्रशांत सिंघल ने कहा कि मीटिंग में एक काउंसलर संजय पण्डित ने अलीगढ़ का नाम बदल कर हरी गढ़ करने की तजवीज पेश की थी जिसे तमाम काउंसलर्स ने मुत्तफिका तौर पर मंजूर कर लिया। अब उसे आगे •ोजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि हुकूमत बहुत जल्द इस पर गौर करेगी और अलीगढ़ का नाम बदल कर हरी गढ़ करने के हमारे मुतालिबे को पूरा करेगी।
अलीगढ़ म्यूनसिपल कार्पोरेशन बोर्ड की मीटिंग में अलीगढ़ का नाम बदलकर हरी गढ़ करने की तजवीज •ाारतीय जनता पार्टी के काउंसलर संजय पण्डित ने पेश की थी। इजलास में तजवीज आते ही अपोजीशन काउंसलर ने हंगामा-आराई शुरू कर दी। जबकि बीजेपी का नाम बदलने के एजेंडे पर काफी हंगामा हुआ। बीजेपी के काउंसलर्स ने मेज थपथपा कर इस तजवीज का खैर-मक़्दम किया। इसके साथ ही नाम बदलने की तजवीज मंजूर हो गई। म्यूनसिपल कार्पोरेशन बोर्ड की जानिब से तजवीज को हुकूमत को •ोजा जाएगा जहां से मंजूरी मिलने के बाद अलीगढ़ को एक नए नाम से जाना जाएगा। ख़्याल रहे कि 18वीं सदी से पहले तक अलीगढ़ का नाम कोल या कोईल था जिसे मुग़्लिया दौर में अलीगढ़ कर दिया गया था।
ईरानी नोबल ईनामयाफ़्ता खातून नर्गिस की जेल में •ाूख हड़ताल
इंसानी और खवातीन के हुकूक के लिए कई बार गिरफ़्तारी और 15 साल जेल में गुजारने के बावजूद नहीं हारी हिम्मत
लंदन : ईरानी नोबल ईनामयाफ़्ता खातून नर्गिस मुहम्मदी की रिहाई के लिए मुहिम चलाने वालों का कहना है कि नर्गिस मुहम्मदी ने जेल में •ाूख हड़ताल शुरू कर दी है। ‘फ्रÞी नर्गिस मुहम्मदी’ मुहिम का कहना है कि उनके खानदान को एवन जेल से मौसूला पैगाम के मुताबिक नर्गिस मुहम्मदी ने कई घंटे कब्ल जेल में •ाूख हड़ताल शुरू कर दी है। नर्गिस मुहम्मदी और उनके वकील कई हफ़्तों से उनको फेफड़ों और दिल के ईलाज के लिए मखसूस हस्पताल मुंतकिल करने का मुतालिबा कर रहे थे। बयान में वाजेह नहीं किया गया है कि नर्गिस मुहम्मदी को जेल में किस हालत में रखा गया है, जिसके बाइस वो •ाूख हड़ताल पर मजबूर हुईं।ईरान के सरकारी जराइआ इबलाग ने नर्गिस मुहम्मदी के •ाूख हड़ताल की तस्दीक नहीं की है। नर्गिस मुहम्मदी ईरानी हुक्काम की जानिब से कई बार गिरफ़्तारी और 15 साल जेल में गुजारने के बावजूद इन्सानी और खवातीन के हुकूक के लिए काम करती रही हैं। नर्गिस मुहम्मदी मुहासा अम्मीनी की पुलिस हिरासत में हलाकत के बाद शुरू होने वाले मुजाहिरों के शुरका के लिए मिशअल-ए-राह बन गई। ये मुजाहिरे ईरान की मजहबी हुकूमत के लिए बहुत बड़ा चैलेंज बन गए। गौरतलब है कि हिरासत में हलाक होने वाली महासा अम्मीनी को हिजाब ना पहनने पर गिरफ़्तार किया गया था।