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ईरान : हिजाब नहीं तो तफरीह नहीं, वाटर पार्क पर लटका ताला

ईरान : हिजाब नहीं तो तफरीह नहीं, वाटर पार्क पर लटका ताला

तेहरान : आईएनएस, इंडिया
 
ईरान में हिजाब कवानीन पर अमल ना करने के बाइस एक बड़े वाटर पार्क को बंद कर दिया गया है। मुकामी मीडीया के मुताबिक ईरानी हुक्काम ने शुमाल-मशरिकी (उत्तर-पूर्वी) ईरान के शहर मशहद में एक बहुत बड़े तफरीही पार्क को सिर्फ इसलिए बंद कर दिया क्योंकि वहां आने वाली खवातीन पर्दे का एहतेमाम नहीं कर रही थीं। पार्क में बिना हिजाब वाली खवातीन को दाखिले की इजाजत नहीं थी। इसके बावजूद बड़ी तादाद में बिना हिजाब किए खवातीन पार्क में तफरीह करती पाई जा रही थीं।
    न्यूज एजेंसी के मुताबिक पुलिस ने ईरान के दूसरे बड़े शहर के मशहूर वाटर पार्क खरोशा काम्पलेक्स के दरवाजे बंद कर दिए। काम्पलेक्स के डायरेक्टर मुहम्मद बाबाई ने कहा कि उसे पर्दे की हैसियत का एहतिराम ना करने की वजह से बंद कर दिया गया है हालांकि हमने आने वालों को हिजाब की पाबंदी करने की तंबीया की थी। गौरतलब है कि पार्क 60 हजार मुरब्बा मीटर के रकबे पर मुहीत है और दुनिया के सबसे बड़े इंडोर वाटर पार्कस में से एक के तौर पर मारूफ है। काम्पलेक्स के डायरेक्टर ने बताया कि वाटर पार्क में तालाबंदी के चलते एक हजार मुलाजमीन को अपनी मुलाजमतों से महरूम होने का खदशा है। 

अमीनी के चचा गिरफ्तार 

दूसरी तरफ ईरानी हुक्काम ने महसा अमीनी के चचा को गिरफ़्तार कर लिया है। इन्सानी हुकूक के दिफा के लिए काम करने वाली कुर्द तंजीम हंकाऊ और कुर्दिस्तान में ह्यूमन राइट्स नेटवर्क ने दो अलग-अलग बयानात में कहा है कि सिक्योरिटी फोर्सिज ने सकज शहर में उन्हें गिरफ़्तार किया और नामालूम मुकाम पर मुंतकिल कर दिया है। हंकाऊ के मुताबिक ईरानी फोर्सिज ने बगैर किसी वारंट गिरफ़्तारी के उनके घर पर धावा बोला। महसा अमीनी की बरसी से कुछ दिन पहले उन्हें सख़्त हिफाजती निगरानी में रखा गया था और महसा अमीनी के मजार के इर्द-गिर्द कैमरे नसब कर दिए गए थे। याद रहे कि हिजाब की पाबंदी ना करने पर गिरफ़्तार महसा अम्मीनी 16 सितंबर को पुलिस की हिरासत में पुर असरार तौर पर हलाक हो गई थी जिसके बाद ईरानभर में बड़े मुजाहिरे हुए थे। कई महीनों तक ईरान की तारीख की बड़ी एहितजाजी तहरीक चलती रही थी। इन मुजाहिरों के आगाज से अब तक हजारों अफराद को गिरफ़्तार किया जा चुका और मुतअद्दिद मुजाहिरीन को फांसी दी जा चुकी है। अ΄ा्रैल में ईरान के सरकारी मीडीया ने बताया कि किस तरह ईरान में हुक्काम हिजाब ना ΄ाहनने वाली खवातीन की शनाख़्त और सजा के लिए अवामी मुकामात ΄ार कैमरे नसब कर रहे हैं।

स्मार्ट कैमरे से की जा रही निगरानी 

ईरान में स्मार्ट सीसीटीवी कैमरा से निगरानी के सिस्टम ΄ार अमल दरआमद करते हुए हिजाब ना करने वाली कई खवातीन को ΄ाकड़ा गया है। ईरान में इन्सानी हुकूक कारकुनों की तंजीम (एचआरआई) ने रि΄ोर्ट किया है कि ईरान की एक फौजदारी अदालत ने एक खातून को स्मार्ट सीसीटीवी कैमरे के जरीये बाखबर रहने के बाद हिजाब की खिलाफवरजी ΄ार कैद की सजा सुनाई है।     तंजीम ने बताया कि तेहरान की फौजदारी अदालत की ब्रांच 1088 ने नामालूम खातून को हिजाब के लाजिÞमी कवानीन की मुबय्यना खिलाफवरजी ΄ार सजा सुनाई। खातून को मुम्किना ईरान मुखालिफ रवैय्ये का हवाला देते हुए दो साल की सफरी ΄ााबंदी और दो माह कैद की सजा दी गई। अदालती फैसले के दौरान जज अली ओमीदी ने दावों की हिमायत के लिए अवामी स्मार्ट स्कियोरटी कैमरों के इस्तिमाल का हवाला दिया। खातून को दिमागी सेहत के मुआइने का भी हुक्म दिया गया। बे-हिजाब खवातीन के खिलाफ क्रैक डाउन करने की कोशिश में ऐसे कैमरों को सबूत के तौर ΄ार इस्तिमाल करने की ये ΄ाहली मिसाल है। एचआरएआई ने अ΄ाने एक बयान में कहा है कि हिजाब ΄ाहनने से इनकार को मुजरिमाना करार देना खवातीन और लड़कियों के इजहार राय की आजादी के हक की खिलाफवरजी है।


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