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✒ काहिरा : आईएनएस, इंडिया
मुल्क के शुमाल में हलीह गवर्नरी के कौम उल नूर गांव में वाके आसारे-ए-कदीमा (पुरातत्व) की हिलाल अलबेह मस्जिद में आग लग गई। मस्जिद में आग लगने की इत्तिला मिलते ही वजारत सयाहत (पर्यटन मंत्रालय) ने इमदादी टीमों के साथ मौके का दौरा किया। आग लगने से मस्जिद पूरी ारह जल कर खाक हो गई। मामले की जांच के लिए आसारे-ए-कदीमा सु΄ा्रीम काउंसिल ने आरक्योलोजीकल, साईंसी और इंजीनीयरिंग माहिरीन ΄ार मुश्तमिल कमेटी तशकील दी है। कमेटी न सिर्फ मामले की जांच करेगी बल्कि मस्जिद की बहाली का काम जल्द शुरू करने तमाम जरूरी इकदामात की सिफारिश करेगी।
हुकूमत का कहना है कि वो मस्जिद की तामीर नौ (नव निर्माण) के लिए फौरी काम शुरू करेंगे। सु΄ा्रीम काउंसिा आफ नवादिरात में इस्लामी, किबती और यहूदी नवादिरात के शोबे के सरबराह डाक्टर अबूबकर अहमद ने वजाहत की कि आग लगने की वजूहात का ताय्युन करने के लिए अभी तहकीकात जारी है। इबतिदाई मुआइने (शुरुआती जांच) में इमकान जाहिर किया गया है कि बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी होगी। मस्जिद में आतशजदगी के नतीजे में किसी किस्म का जानी नुक़्सान नहीं हुआ है। वजारत सयाहत और नवादिरात ने बताया कि आग लगने के फौरन बाद काउंसिल में मिस्र के नवादिरात के डायरेक्टर जनरल डाक्टर मुहम्मद तमान की सरबराही में आसारे-ए-कदीमा के हुक्काम ΄ार मुश्तमिल कमेटी कायम की गई है।
हुकूमत का कहना है कि वो मस्जिद की तामीर नौ (नव निर्माण) के लिए फौरी काम शुरू करेंगे। सु΄ा्रीम काउंसिा आफ नवादिरात में इस्लामी, किबती और यहूदी नवादिरात के शोबे के सरबराह डाक्टर अबूबकर अहमद ने वजाहत की कि आग लगने की वजूहात का ताय्युन करने के लिए अभी तहकीकात जारी है। इबतिदाई मुआइने (शुरुआती जांच) में इमकान जाहिर किया गया है कि बिजली के शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी होगी। मस्जिद में आतशजदगी के नतीजे में किसी किस्म का जानी नुक़्सान नहीं हुआ है। वजारत सयाहत और नवादिरात ने बताया कि आग लगने के फौरन बाद काउंसिल में मिस्र के नवादिरात के डायरेक्टर जनरल डाक्टर मुहम्मद तमान की सरबराही में आसारे-ए-कदीमा के हुक्काम ΄ार मुश्तमिल कमेटी कायम की गई है।
मालूम हुआ है कि मस्जिद की लकड़ी की छत जो हाल में 2013 में मस्जिद की बहाली के काम के दौरान लगाई गई थी, आग से मुतास्सिर होने के अलावा उसके दरवाजे, खिड़कियाँ और उसका मिंबर जल कर खाक हो गए। ये काबिल-ए-जिÞक्र है कि ये मस्जिद हिलाल बया मस्जिद या अलबेह मस्जिद के नाम से जानी जाती है। ये दकहलीह गवर्नरी की सबसे अहम आसारे-ए-कदीमा की मसाजिद में से एक है। ये मस्जिद कौम उल नूर गांव में है जिसे 1853 में हिलाल मुनीर ने तामीर कराया था, जो अब्दुल्लाह हिलाल के बेटे थे। उनका शुमार गांव के अमीर लोगों में होता था।