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सीखने की कोई उम्र नहीं होती : अरूण वोरा

आधुनिक शिक्षा की बारीकियों से वाकिफ हुए मदरसा शिक्षक
दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का समापन

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सीखने की कोई उम्र नहीं होती : अरूण वोरा

नई तहरीक : रायपुर 

छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड द्वारा मदरसा शिक्षा के विकास हेतु आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का बीते दिनों समापन हुआ। मुख्य अतिथि विधायक अरूण वोरा थे। आरएन वर्मा, उपाध्यक्ष राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग, लक्षमण चंद्राकर, पूर्व साडा अध्यक्ष, धीरज बाकलीवाल, महापौर, नगर निगम दुर्ग, गया पटेल, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग, सत्यवती वर्मा, एमआईसी सदस्य नगर निगम दुर्ग व राजीव वोरा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
    प्रतिभागी मदरसा शिक्षकों को संबोधित करते हुए विधायक अरुण वोरा ने कहा, सीखने की कोई उम्र नहीं होती, जीवनभर हम सीखते हैं। आप सभी नई पीढ़ी को संवारने का काम कर रहे हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण है। श्री वोरा ने कहा कि आप लोगों ने कार्यशाला में पिछले दो दिनों के दौरान आधुनिक शिक्षा के तहत शिक्षण की नवीन पद्धतियों और शिक्षण संबंधी अनेक पहलुओं को बारीकी से जाना, इसका लाभ यकीनन मदरसों में अध्ययन-अध्यापन में मिलेगा। इस मौके पर उन्होंने केन्द्र सरकार से विगत 6 वर्षों से मदरसा शिक्षकों के वेतन की राशि नहीं मिलने पर चिंताजनक बताया। 
    विशिष्ट अतिथि लक्ष्मण चंद्राकर, पूर्व साडा अध्यक्ष ने कहा कि इस बात को मानने से इंकार नहीं किया जाना चाहिए कि मदरसे भी शिक्षा का केन्द्र हैं। उन्होंने मदरसों में आधुनिक शिक्षा के विकास हेतु आयोजित कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु बोर्ड के अध्यक्ष अलताफ अहमद को बधाई दी। समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ मदरसा बोंर्ड के अध्यक्ष अलताफ अहमद ने कहा कि छत्तीसगढ़ में संचालित मदरसे केन्द्र सरकार द्वारा पीड़ित हैं। मदरसा शिक्षकों को विगत 6 वर्षों से वेतन नहीं मिला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में सभी वर्ग के उत्थान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा ऐसी नीति बनाई जानी चाहिए जिससे मदरसों का पोषण व संचालन राज्य शासन द्वारा किया जा सके। उन्होंने मदरसा शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि इस संबंध में बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम आएगा।
    कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. विद्यावती चंद्राकर, रिटा. प्राध्यापिका राज्य शैक्षिक अंनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर ने प्रतिभागी मदरसा शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक को जिज्ञासु बनना पड़ेगा, शिक्षकों को अपने विषय को जानने की भूख होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी विषय बोझिल नहीं है। ऐसा कोई विषय नहीं है जिसे पढ़ाने में किसी भी शिक्षक को परेशानी हो। कार्यशाला में उपस्थित मदरसा शिक्षकों ने भी अपने अनुभव साझा किए। छग मदरसा बोर्ड के सचिव डॉ. इम्तियाज अहमद अंसारी ने मदरसा शिक्षकों को मदरसा संचालन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दीं। उन्होंने मदरसों में अभिलेखों के संधारण, राज्य शासन की योजनाओं एवं पठन-पाठन के बारे में विस्तृत चर्चा की।  
    कार्यशाला में डॉ. विद्यावती चंद्राकर रिटा. प्राध्यापिका राज्य शैक्षिक अंनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर एवं हफीजा, पूर्व जिला उर्दू इंचार्ज रायपुर को उनके दीर्घकालीन शैक्षणिक योगदान हेतु अतिथियों द्वारा स्मृति चिन्ह, शाल श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया। 
    सिंधु भवन, देवेन्द्र नगर, रायपुर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र में नगर निगम दुर्ग के एमआईसी सदस्य संजय कोहले, भोला महोबिया, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय मिश्रा, राजकुमार साहू, महीप सिंह भुवाल, राजकुमार पाली, शंकर सिंह ठाकुर, मंदीप सिंह भाटिया, तौहीद खान, मोहम्मद उस्मानी, पाशी अली, आरिफ रजा, कमलेश नगारची, शेख इस्माईल अहमद विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। संचालन सैय्यद अनीस रजा ने किया। कार्यशाला के समापन पर राज्य के विभिन्न जिलों से आए पंजीकृत एवं मान्यता प्राप्त मदरसों के प्रतिभागी शिक्षक-शिक्षिकाओं को सहभागिता हेतु प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।


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