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पिछले कुछ सालों में लाखों पाकिस्तानी और हिंदूस्तानी मुल्क छोड़ गए

2 सफर उल मुजफ्फर 1445 हिजरी
इतवार, 20 अगस्त, 2023
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अकवाले जरीं
‘अल्लाह के जिक्र के बिना ज्यादा बातें न किया करो, ज्यादा बातें करना दिल की कसादत (सख्ती) का सबब बनता है और सख्त दिल शख्स अल्लाह को पसंद नहीं।’
- मिश्कवात
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 

गुजिश्ता साढ़े पांच सालों में, जनवरी 2018 से जून 2023 तक तकरीबन 8.40 लाख हिंदूस्तानियों ने अपनी शहरीयत (नागरिकता) छोड़कर मुख़्तलिफ गैर मुल्की ममालिक की शहरीयत हासिल की है। रवां साल की पहली छमाही के दौरान ये तादाद 87,026 तक पहुंच गई। 2022 में, अपनी हिन्दुस्तानी शहरीयत तर्क करने वाले अफराद की तादाद 2,25,620 तक पहुंच गई, जो गुजिश्ता 12 सालों में सबसे ज्यादा है। 

पिछले कुछ सालों में लाखों पाकिस्तानी और हिंदूस्तानी मुल्क छोड़ गए, Lakhs of Pakistanis and Indians have left the country in the last few years.

    वजीर-ए-खारजा (विदेश मंत्री) एसजे शंकर ने गुिजश्ता माह लोक सभा में एक तहरीरी जवाब में कहा था कि आलमी काम की जगहों की तलाश करने वाले हिन्दुस्तानी शहरीयों की तादाद गुजिश्ता दो दहाईयों में नुमायां रही है। वजारत-ए-खारजा ने हाल ही में राज्य सभा के रुकन पार्लियामेंट संदीप कुमार पाठक के एक सवाल के जवाब में आदाद-ओ-शुमार फराहम किए हैं, जो इस मुआमले पर रोशनी डालते हंै। यूएई जो रोजगार के वसीअ (बड़े) मवाके के लिए मशहूर है, कुदरती तौर पर बुनियादी तर्जीह के तौर पर उभरा, उसके बाद कैनेडा, आस्ट्रेलिया, बर्तानिया और इटली का नंबर आता है। उनमें से काबिल-ए-जिÞक्र 3.29 लाख हिंदूस्तानियों ने अमरीकी शहरीयत हासिल की, जबकि पड़ोसी मुल्क कैनेडा ने 1.62 लाख अफराद को शहरीयत दी। आस्ट्रेलिया ने 1.32 लाख नए शहरीयों का खैरमकदम करते हुए तीसरा मुकाम हासिल किया, उसके बाद बर्तानिया और इटली ने बिलतर्तीब (क्रमश:) 83,468 और 23,817 हिंदूस्तानियों को शहरीयत दी। 
    फेहरिस्त में मजीद नीचे, न्यूजीलैंड (23,088), जर्मनी (13,363), सिंगापुर (13,211), नीदरलैंडज (8,642) और स्वीडन (8,531) ने अहम मुकामात बनाए। मजमूई तौर पर 95 फीसद से ज्यादा हिंदूस्तानियों ने इन टाप 10 ममालिक में शहरीयत का इंतिखाब किया। जुगराफियाई तौर पर इन 10 ममालिक में से, पांच यूरोप में, दो शुमाली अमरीका और ओशियाना में और एक एशिया में है।

एक साल में लाखों पाकिस्तानी मुल्क छोड़ गए

इस्लामाबाद : गुजिश्ता साल पाकिस्तान छोड़कर बैरुन-ए-मुल्क (अन्य मुल्क) जाने वाले पाकिस्तानियों की तादाद में हैरतअंगेज इजाफा देखा गया है। जानकारी के मुताबिक 1 साल में 10 लाख पाकिस्तानी मुल्क छोड़ गए, सिर्फ एक साल में बैरून-ए-मुल्क जाने वाले पाकिस्तानियों की तादाद में 300 फीसद इजाफा हो गया। 
    सालाना औसतन 2 से ढाई लाख पाकिस्तानी बैरून जाते थे, अब ये तादाद बढ़कर 1 मिलियन तक पहुंच गई। इस हवाले से रिपोर्ट के मुताबिक गैर यकीनी मआशी-ओ-सियासी सूरत-ए-हाल, महंगाई और बेरोजगारी से परेशान लाखों नौजवान रिज्क की तलाश में समुंद्र पार चले गए। खबर के मुताबिक रोजगार के हुसूल के लिए बैरून-ए-मुल्क जाने वाले पाकिस्तानियों की तादाद में 3 गुना इजाफा हुआ है। गुजश्ता साल दिसंबर तक 7 लाख 65 हजार नौजवान हुसूले रोजगार के लिए पाकिस्तान छोड़कर जा चुके थे, जबकि रवां साल के इबतिदाई 4 माह में मजीद हजारों पाकिस्तानी बैरून-ए-मुल्क चले गए। बैरून-ए-मुल्क जाने वालों में डाक्टर, इंजीनियर, आईटी माहिरीन, एकाउंटेंट्स, एसोसीएट इंजीनियर, असातिजा और नर्सेज शामिल हैं। 92 हजार से जाइद आला तालीम-ए-याफता अफराद भी दयार-ए-गैर जा बसे।


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