13 जीअकादा 1444 हिजरी
सनीचर, 3 जून 2023
अकवाले जरीं
जब तीन लोग सफर पर रवाना हों तो वो अपने में से किसी एक को अपना अमीर बना ले।
- अबु दाऊद
मुंबई : आईएनएस, इंडिया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांदीवली में गौसिया मस्जिद ट्रस्ट से कहा है कि वो लाऊड स्पीकर के इस्तिमाल के खिलाफ एक रिट पिटीशन में मुद्दा अलैह (प्रतिवादी) बनाया जाए। चीफ जस्टिस और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की डिवीजन बेंच कांदीवाली ईस्ट के ठाकुर गांव की रहने वाली एडवोकेट रैना रिचर्ड की तरफ से दायर एक उबूरी अर्जी की समाअत कर रही थी, जिसमें पुलिस से कहा गया था कि वो गौसिया मस्जिद की तरफ से दिन में कई बार लाऊड स्पीकर के इस्तिमाल से होने वाले न्वायज पाल्यूशन को रोकने के लिए मस्जिद को फौरी इकदामात करने की हिदायत करे।
ट्रस्ट और रियासत को 9 जून तक अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करना है। मुआमले की अगली समाअत 19 जून को होगी। रिचर्ड ने दावा किया है कि जेरे-ए-बहस इलाके के करीब ही ईएसआईएस हस्पताल की मौजूदगी की वजह से खामोशी का इलाका है। ताहम, पुलिस ने 8 मई और 12 मई को मस्जिद में सुबह-सवेरे लाऊड स्पीकर के इस्तिमाल के खिलाफ उसकी शिकायात पर कोई कार्रवाई नहीं की। मस्जिद ट्रस्ट की नुमाइंदगी करने वाले सीनीयर एडवोकेट रिजवान मर्चेंट ने अर्ज किया कि मस्जिद साइलेंस जोन में नहीं है, क्योंकि हस्पताल वहां से दूर मुंतकिल हो गया है।
रियासत के एपीपी जेपी याग्निक ने अर्ज किया कि मुंबई पुलिस ने कुछ शराइत के साथ मस्जिद को 31 मई तक लाऊड स्पीकर इस्तिमाल करने की इजाजत दी है। अदालत ने अर्जी कबूल करते हुए रियासत को हिदायत की कि वो कानून के मुताबिक इजाजत के लिए दरखास्तों का फैसला करे। अदालत ने रियासत को ये भी हिदायत की कि वो अपने जवाब के साथ तमाम मुताल्लिका सरकारी सर्कुलर और पालिसियों को मुंसलिक करे। शोर की आलूदगी (रेगूलेशन एंड कंट्रोल रोल्ज, 2000) में कहा गया है कि तालीमी इदारों, हस्पतालों और अदालतों के 100 मीटर के अंदर साइलेंस जोन हो सकता है। कवानीन में 2017 में इस शर्त के साथ तरमीम (संशोधन) की गई थी कि कोई भी इलाका साइलेंस जोन के तहत नहीं आएगा, जब तक कि रियास्ती हुकूमत की तरफ से खासतौर पर मतला (सूचित) ना किया जाए। कब्लअजीं उसी दौरान, रियासत ने अदालत को मतला किया था कि जेरे-ए-बहस इलाका साइलंट जोन नहीं है।