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अफ्गानिस्तान में पैदा होता है ‘लाल सोना’ कहलाया जाने वाला दुनिया का बेहतरीन जाफरान, मध्य पूर्व में एक्सपोर्ट करने का मंसूबा

18 शव्वालुल मुकर्रम 1444 हिजरी
मंगल, 9 मई, 2023
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काबुल : आईएनएस, इंडिया 
दुनिया का बेहतरीन जाफरान अफ़्गानिस्तान में पैदा होता है। ‘लाल सोना’ कहलाया जाने वाले दुनिया के इस महंगेतरीन मसाले को अफगानिस्तान अब मशरिक वुस्ता (मध्य पूर्व) एक्सपोर्ट करने का मन्सूबा बना रहा है। जाफरान को एशिया और मशरिक वुस्ता में चाओल, समुंद्री खुराक, गोश्त और कई मीठी डिशेज में रंग और जायका पैदा करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है। 
अफ्गानिस्तान में पैदा होता है ‘लाल सोना’ कहलाया जाने वाला दुनिया का बेहतरीन जाफरान, मध्य पूर्व में एक्सपोर्ट करने का मंसूबा

    न्यूज के मुताबिक गुजिशता दो दहाईयों से अफ़्गानिस्तान के जाफरान को जाइके और खुशबू के एतबार से दुनिया का बेहतरीन जाफरान माना जाता है। अफ़्गान जाफरान की कीमत एक हजार डालर फी किलो है। अफ़्गानिस्तान की सनअत-ओ-तिजारत की वजारत (उद्योग, व्यापार मंत्रालय) के तर्जुमान अब्दुस्सलाम ने कहा कि क्वालिटी में उम्दा होने की वजह से बहुत से ममालिक अफ़्गान जाफरान को दरआमद (इम्पोर्ट) करना चाहते हैं। इसकी ज्यादातर तलब अरब और मगरिबी ममालिक में है। वजारत के डेटा के मुताबिक गुजिशता बरस अफ़्गानिस्तान ने 51 हजार किलो से जाइद जाफरान फरोखत किया है। अगरचे ज्यादातर जाफरान बराह-ए-रास्त इंडिया बरामद किया गया जबकि खित्ते से बाहर उसे सऊदी अरब और यूएई भेजा गया, जहां समझा जाता है कि क्वालिटी और कीमत के लिहाज से इसकी मार्केट बढ़ने की मौके ज्यादा हैं। अफ़्गानिस्तान की वजारत-ए-सनअत-ओ-तिजारत और किसान पुर उम्मीद हैं कि खिजां में फसल की काशत के बाद उसकी बरामद में इजाफा होगा।
    तर्जुमान (प्रवक्ता) ने कहा हमें यकीन है कि रवां बरस हिरात, निमरोज और बदगीज में इसकी काश्त बढ़ेगी। हमें ये रिपोर्ट भी मिली है कि हलमंद में भी जाफरान की पैदावार में इजाफा होगा। काबुल में शाहाना अफ़्गान जाफरान के डायरेक्टर हाजी हिम्मत का कहना था कि ‘सऊदी अरब और यूएई में जाफरान का इस्तिमाल बहुत ज्यादा है।’ हमें उम्मीद है कि मुस्तकबिल करीब में इन ममालिक में जाफरान की बरामद (निर्यात) में इजाफा होगा। 
    अफ़्गानिस्तान में आला दर्जे का जाफरान पैदा होने के बावजूद तालिबान के इकतिदार में आने के बाद मगरिबी ममालिक की तरफ से लगाई जाने वाली पाबंदियों के बाइस जाफरान की खलीजी ममालिक के लिए एक्सपोर्ट मुतास्सिर हो सकती है। हाजी हिम्मत ने कहा कि खलीजी ममालिक में बहुत से सरमायाकार (व्यापारी) अपने ममालिक में अफ़्गान जाफरान की मार्केट बनाने में दिलचस्पी रखते हैं। अफ़्गानिस्तान पर हालिया पाबंदियों की वजह से जाफरान की बरामद मुतास्सिर हुई है। अफ़्गानिस्तान किसी भी दूसरे मुल्क से ज्यादा जाफरान पैदा कर है।

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