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रमजान उल मुबारक का दूसरा जुमा, मस्जिद अल हरम में 15 लाख लोगों ने अदा की नमाज

 10 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
इतवार, 1 अपै्रल, 2023
 
रमजान उल मुबारक का दूसरा जुमा, मस्जिद अल हरम में 15 लाख लोगों ने अदा की नमाज

रियाद : आईएनएस, इंडिया
माह-ए-सियाम के दूसरे जुमा मस्जिद अल हरम में नमाजियों की तादाद में बड़ा इजाफा देखने में आया। एक अंदाजे के मुताबिक लगभग डेढ़ मिलियन अफराद ने मस्जिद अल हरम में ईमान की हिफाजत और सेहतमंद अकीदत वाले माहौल में नमाज-ए-जुमा अदा की। 
    नमाज के लिए हरम शरीफ की राहदारियों, हाल्ज और सेहनों में इंतिजामीया ने मरबूत खिदमात का निजाम कायम कर रखा था। 'सदारत आम्मा बराए उमूर मस्जिद अल हरम और मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की जानिब से बेहतरीन इंतिजामात की बदौलत लाखों नमाजियों के हुजूम को कहीं भी रुकावट का सामना नहीं करना पड़ा। सदारत आम्मा के सदर डाक्टर अब्दुर्रहमान अल सदीस ने माह-ए-मुबारक के दूसरे जुमा के लिए आॅपरेशनल मंसूबे की कामयाबी से आगाह किया और बताया कि तमाम एजेंसियों के तैयारकरदा मंजरनामे और मंसूबे मद्द-ए-नजर रखकर मुकम्मल अफरादी कुव्वत को खिदमत के लिए तैयार किया गया था। 

रमजान उल मुबारक का दूसरा जुमा, मस्जिद अल हरम में 15 लाख लोगों ने अदा की नमाज

    मकसद ये था कि मात्मरीन (श्रद्धालु) और नमाजी हजरात आसानी से पुर सुकून माहौल में अपनी इबादात की अदायगी कर सकें। जुमा को फज्र से ही बड़ी तादाद में लोग मस्जिद अल हरम में पहुंच गए थे। नमाजियों की कसाफत के बावजूद क्राउड डिपार्टमेंट की मुहतात तंजीम ने हिफाजती निजाम के साथ मिलकर आॅपरेशनल प्लान मुरत्तिब किया और बड़ी कामयाबी हासिल की। मस्जिद अल हरम की राहदारी और फर्श, उसके तहखाने, छतें और सेहन नमाजियों से भरे हुए थे। नमाजियों की सफें मस्जिद के एतराफ की सड़कों, चौकों और महलों तक फैली हुई थीं। आला तरीन बैन-उल-अकवामी खिदमात के मयारात के मुताबिक एक रूह-परवर माहौल फराहम किया गया था। 
    

बैतुल्लाह शरीफ की मस्जिद में बेहतरीन सफाई और सुथराई का भी इंतिजाम था। माहौल को जरासीम से पाक करने के लिए इकदामात किए गए थे। जरासीमकुश लिक्वड का इस्तिमाल किया गया था। अल शेख अल सदीस ने बताया कि इस दौरान कहीं भी रुकावट की इत्तिला नहीं मिली। तमाम दरवाजों पर लोगों का हुजूम था। हुजूम को मॉनीटर किया गया और इसके असरात की पैमाइश के मुताबिक मस्जिद के तहखाने में भीड़ को कम किया गया। हुजूम को मुनज्जम करने के तरीकों पर अमल किया गया। तमाम नमाजियों को ब हिफाजत उनकी मंजिÞल तक पहुंचने को यकीनी बनाने के लिए पहले से तैयारी की गई थी। मस्जिद अल हराम में काम करने वाले तमाम फरीकों ने आपस में मूसिर राबिता बरकरार रखा और मुसलसल तालमेल के जरीये से हुजूम को मुनज्जम करने में कामयाबी हासिल कर ली।

खुतबा जुमा का इशारों की जबान में तर्जुमा 

उमूमी इंतेजामिया बराए माजूर अफराद के डायरेक्टर माहिर बिन सईद अलस्वेहरी ने कहा है कि मस्जिद अल हरम में किंग फहद की तौसीअ में माजूर अफराद के लिए खुतबा जुमा के इशारों की जबान में तर्जुमा की सर्विस फराहम की जा रही है। किंग फहद तौसीअ की पहली मंजिÞल पर मुतर्जिम यहया बिन मुहम्मद अल लहीबी बहरे अफराद को इशारों की जबान में जुमा के खुतबात का मफहूम समझाते हैं। अस्सिटेंट अंडर सेक्रेटरी बराए समाजी-ओ-इन्सानी अमूर बिन सुलेमान अलमहमादी ने भी बताया कि हरमैन शरीफैन आने वाले माजूर अफराद को इबादात की अदाई और उनके तजुर्बे को बामानी बनाने के लिए इशारों की जबान की सहूलत भी फराहम की जा रही है। हरमैन शरीफैन की इंतिजामीया की जानिब से अपने हाजियों की खिदमत हमारे वर्करज के लिए बाइस-ए-इफ्तिखार के नारा के तहत दोनों मुकद्दस मसाजिद में आने वालों को ज्यादा से ज्यादा सहूलयात फराहम की जा रही हैं।



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