10 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
इतवार, 1 अपै्रल, 2023
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
अकलीयती उमूर की वजारत आजमीन-ए-हज्ज के लिए मेयारी सेहत से मुताल्लिक मदद को यकीनी बनाने के मकसद से, सेहत और खानदानी बहबूद की मर्कजी वजारत के साथ मिलकर मक्का मुकर्रमा जाने का इरादा रखने वाले आजमीन के लिए सेहत के जामा इंतिजामात की खातिर तआवुन कर रही है।
सऊदी अरब हर साल दुनियाभर से मक्का पहुंचने वाले तकरीबन 25 से 30 लाख आजमीन-ए-हज्ज की मेजबानी करता है। हिन्दोस्तान से मक्का जाने वाले आजमीन-ए-हज्ज की तादाद दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी तादाद है। आजमीन-ए-हज्ज की इतनी बड़ी तादाद सेहत आम्मा के लिए भी मुनफरद चैलेंजेज पेश करती है, इसलिए मक्का, मदीना और जद्दा में आजमीन-ए-हज्ज की तिब्बी जरूरीयात का अच्छी तरह ख़्याल रखा जाना चाहिए।
गुजिश्ता 3 बरसों में कोविड-19 वबाई अमराज की वजह से आजमीन-ए-हज्ज की तादाद में कमी का रुजहान देखा गया था, लेकिन इस साल हिन्दुस्तानी आजमीन की एक बड़ी तादाद के मक्का मुकर्रमा आने की उम्मीद है। मौजूदा साल के लिए हिन्दोस्तान को 1,75,025 आजमीन का कोटा मुखतस (अलाट) किया गया है। आजमीन-ए-हज्ज के लिए जामा और मेयारी खिदमात को यकीनी बनाने के मकसद से, अकलीयती उमूर के वजीर और सेहत के वजीर ने दोनों वजारतों के ओहदेदारों के साथ मीटिंगों का एक सिलसिला शुरू किया है। गुजिश्ता 3 महीनों में दोनों वजारतों के दरमयान इस मौजू पर 10 से जाइद मीटिंगें मुनाकिद की गई हैं और एक तफसीली लायहा अमल को हतमी (अंतिम) शक्ल दी गई है। वजारत-ए-सेहत ने 21 मार्च को तमाम रियास्तों को हिदायात जारी की हैं, जिसमें रियास्तों को मश्वरा दिया गया है कि वो दरखास्त गुजार आजमीन-ए-हज्ज के लिए मेडीकल स्क्रीनिंग और फिटनेस सर्टीफिकेट फराहम करें और इस तरह की स्क्रीनिंग के लिए एक तफसीली फॉर्मेट रियास्तों को भेजा गया है।