दुबई : इजाजतनामा के बगैर इफतार तकसीम करने पर देना होगा 27 हजार डालर जुर्माना

3 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
इतवार, 26 मार्च 2023
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दुबई : आईएनएस, इंडिया 
दुबई के जो रिहायशी इस साल रमजान के दौरान इफतार का खाना तकसीम करने का इरादा रखते हैं, उन्हें मश्वरा दिया गया है कि वो एक लाख दिरहम 27, 227 डालर के भारी जुर्माने से बचने के लिए पेशगी इजाजतनामा हासिल कर लें। 
दुबई : इजाजतनामा के बगैर इफतार तकसीम करने पर देना होगा 27 हजार डालर जुर्माना

    दुबई में महकमा बराए इस्लामी उमूर और खैराती सरगर्मियां ने एक पे्रस कान्फें्रस में अतीया करदा खाने की हिफाजत को यकीनी बनाने की जरूरत पर जोर दिया है। 
    गौरतलब है कि रमजान मुस्लमानों के लिए एक अहम महीना है, जिसमें दिन के औकात में रोजा रखा जाता है और इफतार के साथ उसका इखतेताम होता है। इफ्तार के लिए दुनियाभर में मुस्लमान इफतार के खाने में शरीक होने के लिए मसाजिद या किसी मुशतर्का मखसूस जगह पर जमा होते हैं। बड़े शहरों में अक्सर उन्हें मुखय्यर अफराद, रेस्तोरानों या खैराती तन्जीमों की तरफ से खाने अतीया किए जाते हैं। मुकद्दस महीने में मुस्लमान आम तौर पर खैराती कामों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और खाने पीने की अशिया और फंडज के अतयात के जरीये गरीबों को मदद मुहय्या करते हैं।


    यूएई के इस्लामी उमूर और खैराती सरगर्मियों के महकमे के डिप्टी डायरेक्टर मुहम्मद मसअब जाही ने मुकामी मीडीया को बताया कि कोई भी शख़्स या इदारा बगैर इजाजत के खाना तकसीम करेगा तो उसे गैर मजाज खैराती अमल समझा जाएगा। इस जाबते की खिलाफवरजी करने वालों को कानूनी एहतिसाब का सामना करना पड़ेगा, जैसा कि साल 2015 के लिए अमीरात दुबई में अतयात जमा करने का अमल रेगूलेट करने के लिए जारी करदा फरमान में कहा गया है, लाईसेंस के बगैर इश्तिहारात या अतयात जमा करने पर 5000 दिरहम से 100000 दिरहम के दरमयान आइद किया जाएगा या कम से कम एक माह और ज्यादा से ज्यादा एक साल तक कैद की सजा, या दोनों में से कोई भी जुर्माना आयद किया जा सकता है। 


    इजाजतनामा हासिल करने के लिए, लोग महिकमा से राबिता कर सकते हैं और उन इलाकों और तारीख के बारे में मालूमात फराहम कर सकते हैं, जहां वो खाना तकसीम करने का इरादा रखते हैं। इससे हुक्काम दूसरे अफराद को मुख़्तलिफ इलाकों में महफूज तरीके से इफतार का खाना तकसीम करने के लिए रहनुमाई कर सकेंगे। इफतार के खाने की तकसीम के लिए इजाजतनामे की जरूरत के फैसले का मकसद अतीया करदा खाने की हिफाजत को यकीनी बनाना है। हुक्काम ने रमजान उल मुबारक के दौरान में खुराक की तकसीम से मुताल्लिक जरूरी कवाइद पर अमल करने की एहमीयत पर भी जोर दिया है।

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