26 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
इतवार, 19 मार्च 2023
मोहम्मद हासम अली : अजमेर
हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह का इंतजाम संभालने वाली दरगाह कमेटी के कामकाज को लेकर सनीचर को मुस्लिम डेलीगेशन और खादिमों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पांच वर्ष के कार्यकाल में कोमटी ने जायरीन की सहूलियत के लिए कोई काबिल-ए-जिक्र काम नहीं किया है। इसके बरअक्स जायरीन और अकीदतमंदों से मिली इमदादी रकम का बेजा इस्तेमाल किया गया है। खादिमों के साथ-साथ डेलीगेशन ने हुक्काम से दरगाह इंतेजामिया कमेटी के दफ्तर की जांच ईडी से कराने की मांग की है। मेमोरेंडम में उन्होंने कहा कि दरगाह हजरत ख्वाजा गरीब नवाज (रहमतुल्लाह अलैह) की बारगाह दुनियाभर में सूफी खयालात का सबसे बड़ा मर्कज है जहां सभी मजहब, रंग व नस्ल के लोग बहुत अकीदत से आते हैं। लेकिन दरगाह का इंतेजाम संभालने वाली कमेटी अपनी जिम्मेदारीयों को सही तरह नहीं निभा रही है। दरगाह की छत पर जगह-जगह दरारें पड़ रही है। फर्श भी कई जगह से टूट गई है, चारो ओर गंदगी पसरी है, इमारतों में जगह-जगह मेन्टेनेंस की जरूरत है जो पिछले काफी सालों से नहीं हुई है। साथ ही दरगाह कमेटी की शहर में जो जायदाद है, उसे गैरकानूनी तरीके से खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। इसके अलावा दरगाह शरीफ में मेन्टेनेंस का काम ना तो दरगाह कमेटी खुद करती है और ना किसी और को करने देती है, जिसकी वजह से दरगाह की कदीमी इमारतें कमजोर हो रही है। दरगाह की जायदाद की देखभाल की बजाय कमेटी के मेम्बर अब दरगाह शरीफ में पीरी मुरीदी करने लगे हैं। जबकि ये काम पीढ़ी दर पीढ़ी सिर्फ और सिर्फ खुद्दामे ख्वाजा का है। दरगाह कमेटी में मुकामी नाजिम का न होना और दरगाह के इंतेजामात पर ध्यान ना देने से परेशानी बढ़ती जा रही है। मुकामी नाजिम न होने से दरगाह कमेटी दरगाह के इंतेजामात को संभालने के लिए किसी फैसले पर नहीं पहुंच पा रही है जिसका खामियाजा जायरीने ख्वाजा को उठाना पड़ रहा है।
पीरी मुरीदी करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई
मेमोरेंडम में खादिम व मआशरे के डेलीगेशन ने मुकामी नाजिम की तकर्रुरी के साथ-साथ दरगाह में पीरी-मुरीदी करने वाले के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। मेमोरेंडम में उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया कि दरगाह कमेटी की जानिब से अपने कार्यकाल में लगभग एक करोड़ की राशि टीए, डीए के नाम पर उठाई गई है। सोलह खंबा शौचालय को लेकर भी डेलीगेशन ने नाराजगी जाहिर की है और कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बावजूद दरगाह कमेटी वेटिंग हॉल का संचालन नहीं करवा पा रही है।मेमोरेंडम देने वालों में अब्दुल बारी चिश्ती, काजी मुनव्वर अली, गुलाम मुस्तफा चिश्ती, हाजी शेख जादा, इफ्तेखार चिश्ती, अंजुमन सदस्य फजले हसन चिश्ती, सैय्यद असलम, अनवर चिश्ती, बाबर चिश्ती, अहसान मिजऱ्ा, कय्यूम खान, इकबाल चिश्ती, सलमान खान, सैय्यद फजले अमीन चिश्ती, गुलजार चिश्ती, रुहुल अमीन, साजिद अली, हाजिक चिश्ती, काजी अनवर अली, वाहिद मोहम्म्द, पीर फखर काजमी वगैरह शामिल हैं।
nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav