5 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
मंगल, 28 मार्च, 2023
रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब ने जुमे को डेनमार्क में इस्लामोफोबिया इंतिहा पसंदों की जानिब से कुरआन-ए-मजीद के नुस्खे की बे-हुरमती और तुरकिया के परचम को नजर-ए-आतिश करने की मुजम्मत की है। न्यूज के मुताबिक ममलकत समेत कुवैत और कतर ने इंतिहा पसंदों की कार्यवाईयों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा है कि इन इकदामात ने खासतौर पर मुस्लमानों के खिलाफ नफरत को हवा दी है।
इंतिहाई दाएं बाजू की मुस्लमान मुखालिफ तंजीम के हामियों ने इस्लामो फोबिक पैगामात वाले बैनर्ज उठाए हुए थे। उसने कोपनहेगन में तुरकिया के सिफारत खाने के सामने कुरआन-ए-मजीद के नुस्खे की बे-हुरमती की और तुरकिया का परचम नजर-ए-आतिश किया जो फेसबुक पर नशर किया गया। तुर्क अखबार डेली सबाह की रिपोर्ट के मुताबिक, तुरकिया की वजारत-ए-खारजा ने इस वाकिये की मुजम्मत करते हुए इसे ‘नफरतअंगेज’ जुर्म करार दिया है।
तुरकिया की वजारत-ए-खारजा ने कहा है कि वो आजादी इजहार राय की आड़ में ऐसे काबिल-ए-मुजम्मत इकदामात को हरगिज कबूल नहीं करेगी। वजारत-ए-खारजा ने डेनमार्क के हुक्काम से मुतालिबा किया है कि वो जिÞम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करें और यकीनी बनाएँ कि मजीद ऐसे वाकियात रौनुमा ना हों, जिनसे मुआशरती हम-आहंगी और बकाए बाहमी को खतरा हो।
अरदन की वजारत-ए-खारजा और तारकीन-ए-वतन के तर्जुमान सिनान मजाली ने कहा है कि इस इकदाम ने नफरत और नसल परस्ती को हवा दी है। उन्होंने एक बयान में कहा कि कुरआन-ए-मजीद के नुस्खे की बे-हुरमती एक संगीन नफरतअंगेज अमल है और इस्लामो फोबिया का मुजाहरा है, जो तशद्दुद और दीगर मजाहिब की तौहीन को हवा देता है और इसे आजादी इजहार राय नहीं समझा सकता।
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