19 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
इतवार, 12 मार्च 2023
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
मुल्क में एच-3एन-2 इंफ्लूएंजा का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस वाइरस से मौत की तसदीक जुमा को हुई। वजारत-ए-सेहत के मुताबिक दो अफराद जान की बाजी हार चुके हैं। कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक शख़्स की मौत हुई है। वजारत ने कहा कि वो रियास्तों और मर्कज के जेर-ए-इंतिजाम इलाकों पर मरबूत बीमारीयों की निगरानी के प्रोग्राम के जरीये एच-3एन-2 एंफ्लुएंजा पर गहिरी नजर रखे हुए है। वजारत ने कहा कि मार्च के आखिर तक मौसमी एंफ्लुएंजा के मुआमलात में कमी मुतवक़्के है। छोटे बच्चे, पहले से मौजूद बीमारीयों वाले बूढ़े अफराद को मौसमी एंफ्लुएंजा का ज्यादा खतरा होता है। इस दौरान मर्कजी वजीर-ए-सेहत मनसुख ने एक मीटिंग की। उन्होंने ट्वीट करके उसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रियास्तों को अलर्ट रहने और सूरत-ए-हाल पर करीबी नजर रखने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, मर्कजी हुकूमत सूरत-ए-हाल से निमटने के लिए रियास्तों के साथ मिलकर काम कर रही है और सेहत के तमाम इकदामात करने के लिए तैयार है। एच-3एन-2 एंफ्लुएंजा से मौत का पहला मुआमला कर्नाटक के हासन जिÞला में आया। रियासत में इस इन्फैक्शन की वजह से मौत का ये पहला केस है। हरियाणा में एच-3एन-2 एंफ्लुएंजा वाइरस से मरने वाले 56 साला शख़्स को फेफड़ों का कैंसर था। इसमें एच-3एन-2 एंफ्लुएंजा की शनाख़्त इस साल जनवरी में हुई थी। हरियाणा के महकमा-ए-सेहत के अहलकार ने बताया कि वो जींद जिÞला का रहने वाला था। कर्नाटक के वजीर-ए-सेहत के सुधाकर ने एच-3एन-2 एंफ्लुएंजा के बढ़ते मुआमलात के पेश-ए-नजर चंद दिन पहले ओहदेदारों के साथ मीटिंग की थी।
इंडियन काउंसिल आफ मेडीकल रिसर्च (आईसीआर) के माहिरीन का कहना है कि हिन्दोस्तान में पिछले दो तीन महीनों से बुखार के साथ मुसलसल खांसी के बढ़ते हुए केसिज एच-3एन-2 एंफ्लुएंजा की वजह से आ रहे हैं, जो एनफ्लूएंजा की एक किस्म है।
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