नई तहरीक : भिलाई
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको में हिंदी विभाग एवं फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड निगमन कार्यालय भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण समारोह पंकज त्यागी, सहायक महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन/विधि फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, निगम कार्यालय के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
विशेष अतिथि छगनलाल नागवंशी, राजभाषा अधिकारी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड थे। प्रतियोगिता की निर्णायक ममता ध्रुव, व्याख्याता हिंदी शासकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय व अनुराधा धनांक, उप मंडल अभियंता (राजभाषा), बीएसएनएल, थीं। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष हिंदी ने कहा, उन्नीसवीं, बीसवीं शताब्दी में पत्र ही दो व्यक्तियों के बीच संचार का सबसे विश्वसनीय माध्यम था, लेकिन टेलीफोन सेलफोन एवं अंतरजाल के युग में इसकी भूमिका कम हो गई है। पत्र में लेखक की भावनाएं व्यक्त नहीं होती बल्कि लिखने वाले का व्यक्तित्व भी उभरता है। इससे लेखक के चरित्र दृष्टिकोण, संस्कार, मानसिक स्थिति इत्यादि सभी एक साथ प्रतिबिंबित होते हैं। पत्र व्यक्ति के मन का दर्पण होता हैं। पत्र लेखन में विपुल मात्रा में विद्यार्थियों की सहभागिता आश्वस्त कर रही है कि पत्र लेखन का पुराना दौर वापस आएगा व विद्यार्थी अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति पत्रों के माध्यम से करेंगे।
आतिथ्य उद्बोधन में श्री त्यागी ने कहा, प्रशासनिक सेवा एवं डिफेंस में परीक्षार्थियों को चित्र देखकर लिखने कहते हैं, इससे आपके व्यक्तित्व की परख होती है, लिखने से ही पता चलता है कि हम किसी विषय वस्तु के बारे में क्या विचार रखते हैं। उन्होंने कहा, जब भी लिखने का मौका मिलें, जरूर लिखें। विद्यार्थियों से उन्होंने हर प्रतियोगिता में जुड़ने का प्रयास करते रहने का आग्रह किया।
राजभाषा अधिकारी छगनलाल नागवंशी ने कहा, भावी पीढ़ी को अपनी भूमिका के निर्वहन के लिए तैयार रहना चाहिए। आजादी हमने संघर्षों से पाई है, इसे बनाए रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। अनुराधा धनांक ने कहा, निर्णायक की भूमिका कठिन होती है, जब 118 प्रतिभागी हों और सभी अच्छा लिखे हों तो यह कठिनता और बढ़ जाती है। उन्होंने हिंदी विभाग की सराहना करते हुए कहा, जो पत्र लुप्तप्राय हो गए हैं, उन्हें पढ़ने का मौका मिला, यह खुशी की बात है।
निर्णायक ममता ध्रुव ने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा, विद्यार्थियों का प्रदर्शन बहुत ही उत्कृष्ट है। उन्होंने कहा, कोरोना के कारण विद्यार्थियों की लिखने की क्षमता समाप्त हो गई है। बच्चे देखकर भी नहीं लिख पा रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को औपचारिक पत्र लेखन की नियमों की जानकारी दी। महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा व प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कार्यक्रम को प्रायोजित करने के लिए फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड को धन्यवाद दिया तथा आशा व्यक्त की यह संयुक्त आयोजन सतत चलता रहेगा।
‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषय पर आधारित राष्ट्रीय हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में देशभर के 118 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
विशेष अतिथि छगनलाल नागवंशी, राजभाषा अधिकारी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड थे। प्रतियोगिता की निर्णायक ममता ध्रुव, व्याख्याता हिंदी शासकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय व अनुराधा धनांक, उप मंडल अभियंता (राजभाषा), बीएसएनएल, थीं। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष हिंदी ने कहा, उन्नीसवीं, बीसवीं शताब्दी में पत्र ही दो व्यक्तियों के बीच संचार का सबसे विश्वसनीय माध्यम था, लेकिन टेलीफोन सेलफोन एवं अंतरजाल के युग में इसकी भूमिका कम हो गई है। पत्र में लेखक की भावनाएं व्यक्त नहीं होती बल्कि लिखने वाले का व्यक्तित्व भी उभरता है। इससे लेखक के चरित्र दृष्टिकोण, संस्कार, मानसिक स्थिति इत्यादि सभी एक साथ प्रतिबिंबित होते हैं। पत्र व्यक्ति के मन का दर्पण होता हैं। पत्र लेखन में विपुल मात्रा में विद्यार्थियों की सहभागिता आश्वस्त कर रही है कि पत्र लेखन का पुराना दौर वापस आएगा व विद्यार्थी अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति पत्रों के माध्यम से करेंगे।
आतिथ्य उद्बोधन में श्री त्यागी ने कहा, प्रशासनिक सेवा एवं डिफेंस में परीक्षार्थियों को चित्र देखकर लिखने कहते हैं, इससे आपके व्यक्तित्व की परख होती है, लिखने से ही पता चलता है कि हम किसी विषय वस्तु के बारे में क्या विचार रखते हैं। उन्होंने कहा, जब भी लिखने का मौका मिलें, जरूर लिखें। विद्यार्थियों से उन्होंने हर प्रतियोगिता में जुड़ने का प्रयास करते रहने का आग्रह किया।
राजभाषा अधिकारी छगनलाल नागवंशी ने कहा, भावी पीढ़ी को अपनी भूमिका के निर्वहन के लिए तैयार रहना चाहिए। आजादी हमने संघर्षों से पाई है, इसे बनाए रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। अनुराधा धनांक ने कहा, निर्णायक की भूमिका कठिन होती है, जब 118 प्रतिभागी हों और सभी अच्छा लिखे हों तो यह कठिनता और बढ़ जाती है। उन्होंने हिंदी विभाग की सराहना करते हुए कहा, जो पत्र लुप्तप्राय हो गए हैं, उन्हें पढ़ने का मौका मिला, यह खुशी की बात है।
निर्णायक ममता ध्रुव ने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा, विद्यार्थियों का प्रदर्शन बहुत ही उत्कृष्ट है। उन्होंने कहा, कोरोना के कारण विद्यार्थियों की लिखने की क्षमता समाप्त हो गई है। बच्चे देखकर भी नहीं लिख पा रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को औपचारिक पत्र लेखन की नियमों की जानकारी दी। महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा व प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कार्यक्रम को प्रायोजित करने के लिए फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड को धन्यवाद दिया तथा आशा व्यक्त की यह संयुक्त आयोजन सतत चलता रहेगा।
‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषय पर आधारित राष्ट्रीय हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में देशभर के 118 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
ये रहे विजयी प्रतिभागी
- प्रथम पीयूष साहू, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव
- द्वितीय हरीतिका सिन्हा, भिलाई महिला महाविद्यालय भिलाई
- तृतीय भारती साहू, श्री शंकराचार्य विश्वविद्यालय जुनवानी
- लक्ष कुमार साहू, घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद
सांत्वना पुरस्कार
- कीर्ति, बीसीएस शासकीय पीजी कॉलेज धमतरी
- प्रमोद कुमार, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई
- निकिता श्रीवास, भिलाई महिला महाविद्यालय भिलाई
- हेमप्रभा साहू, महर्षि वेदव्यास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भखारा धमतरी
- मनीष पनिका,श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी
- ढालेंद्र कुमार साहूद्व शासकीय जेएलएन पीजी कॉलेज, बेमेतरा
- सुरेखा सोरी, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव