नई तहरीक : भिलाई
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा शुरू ‘माय गिफ्ट टू गॉड’ परमात्मा को मेरा उपहार, महाशिवरात्रि प्रोजेक्ट अंतर्गत महाकाल की नगरी उज्जैन से पधारीं ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी ने सेक्टर 7 स्थित पीस आॅडिटोरियम में कार्यक्रम को संबोधित करते हुÞए कहा कि हमें अटेंशन और चेकिंग द्वारा व्यर्थ के खाते को समाप्त करना है। उन्होंने आगे कहा कि व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल, व्यर्थ कर्म हमारा समय और जीवन की शांति खत्म कर देते हैं। बार-बार अटेंशन देने और चेकिंग करने से जीवन से व्यर्थ का खाता समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिव अर्थात सदा कल्याणकारी। उसी तरह हमें भी कर्म में, संकल्प और स्वप्न में भी किसी का अकल्याण न करना है। न सोचना है, सब को बिना शर्त दिल से क्षमा करना है। परमात्मा सुख का सागर है तो हमें भी सबको ‘मनसा वाचा कर्मणा’ सुख देना है, दुआएं देनी है। मेरा, तेरा, वैर, विरोध, मान, अपमान सबकुछ शिव पर अर्पण करना है, यही परमात्मा को हमारा सबसे बड़ा गिफ्ट होगा।
उन्होंने कहा कि परमात्मा की आज्ञा से ही पत्ता हिलता है। हम मनुष्य आत्माएं इस कल्पवृक्ष के जीवंत पत्ते हैं, इसीलिए पत्ते पत्ते का पता है, उस शिव पिता को। आशा दीदी ने ऊषा दीदी के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन में आपके स्नेह और सहयोग से चार बार कुंभ मेले के आयोजन द्वारा अनगिनत लोग राजयोग मेडीटेशन एवं परमात्म संदेश से लाभान्वित हुए। उषा दीदी ने बताया कि हमारा श्रेष्ठ संकल्प है और हम करनहार की स्मृति से कार्य करते हैं तो करनहार जगत नियंता हमारी मदद के लिए बंधा हुआ है।
ज्ञात हो कि ‘माय गिफ्ट टू गॉड’ शिव जयंती प्रोजेक्ट पूरे जोन में एक साथ प्रारंभ हुआ है जिसमें सभी ब्रह्मावत्स 21 दिवसीय चिंतन मनन कर अपने जीवन की कमी कमजोरियों को परमात्मा को गिफ्ट के रूप में अर्पण करेंगे।
उन्होंने कहा कि परमात्मा की आज्ञा से ही पत्ता हिलता है। हम मनुष्य आत्माएं इस कल्पवृक्ष के जीवंत पत्ते हैं, इसीलिए पत्ते पत्ते का पता है, उस शिव पिता को। आशा दीदी ने ऊषा दीदी के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन में आपके स्नेह और सहयोग से चार बार कुंभ मेले के आयोजन द्वारा अनगिनत लोग राजयोग मेडीटेशन एवं परमात्म संदेश से लाभान्वित हुए। उषा दीदी ने बताया कि हमारा श्रेष्ठ संकल्प है और हम करनहार की स्मृति से कार्य करते हैं तो करनहार जगत नियंता हमारी मदद के लिए बंधा हुआ है।
अटेंशन और चेकिंग की विधि द्वारा व्यर्थ की लीकेज समाप्त करना
उन्होंने कहा कि दुआएं हमारे जीवन को निर्विघ्न बनाती हैं। दिनभर के व्यस्त जीवन में कर्म करते हुए भी एक मिनट साइलेंस के अभ्यास द्वारा मन के विचारों के ट्रैफिक को कंट्रोल करना है। कमजोरियों का चश्मा निकालकर विशेषता देखने का चश्मा धारण करना है। परदर्शन जैसे परपंचो के बजाय स्वदर्शन, स्व चिंतन करो तो जीवन जीने का नजरिया बदल जाएगा। जीवन में शांति होगी। अभी से सोचो, तैयारी में लग जाओ कि मैं परमात्मा को क्या उपहार दूं।ज्ञात हो कि ‘माय गिफ्ट टू गॉड’ शिव जयंती प्रोजेक्ट पूरे जोन में एक साथ प्रारंभ हुआ है जिसमें सभी ब्रह्मावत्स 21 दिवसीय चिंतन मनन कर अपने जीवन की कमी कमजोरियों को परमात्मा को गिफ्ट के रूप में अर्पण करेंगे।