मोहम्मद शमीम : रायपुर
शहर जिÞला कांग्रेस कमेटी, अल्पसंख्यक विभाग के प्रवक्ता व सोशल मीडिया प्रभारी जुनैद हुसैन ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा पेश आम बजट 2023-2024 को अल्पसंख्यकों के लिए निराशाजनक निरुपित किया है। केंद्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में लगभग 38 प्रतिशत की कटौती किए जाने को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए श्री जुनैद ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा लगाने वाली सरकार को अल्पसंख्यकों के हितों का कोई ख़्याल नही है। उन्होंने कहा, इस साल अल्पसंख्यक मंत्रालय का बजट 3097 करोड़ रुपये कर दिया गया है जबकि 2022-23 में इस मंत्रालय का बजट 5020 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने बजट में हर बार की तरह बड़ी-बड़ी घोषणाएं की है, लेकिन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट पर जिस तरह कटौती की गई है, उससे साफ होता है कि सरकार को अल्पसंख्यकों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल स्कॉलरशिप स्कीमों को पैसा नहीं दिया गया। उस्तादों की स्कीम का बजट भी 47 करोड़ से घटाकर 10 लाख कर दिया गया है। प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप का पैसा भी घटाया गया है। यूपीएससी, एसएससी की तैयारी कर रहे छात्रों की स्कॉलरशिप बंद कर दी गई है। उधर मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन भी तकरीबन बन्द होने की कगार पर है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार खुलकर सामने आया है, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने बजट में हर बार की तरह बड़ी-बड़ी घोषणाएं की है, लेकिन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट पर जिस तरह कटौती की गई है, उससे साफ होता है कि सरकार को अल्पसंख्यकों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस साल स्कॉलरशिप स्कीमों को पैसा नहीं दिया गया। उस्तादों की स्कीम का बजट भी 47 करोड़ से घटाकर 10 लाख कर दिया गया है। प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप का पैसा भी घटाया गया है। यूपीएससी, एसएससी की तैयारी कर रहे छात्रों की स्कॉलरशिप बंद कर दी गई है। उधर मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन भी तकरीबन बन्द होने की कगार पर है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार खुलकर सामने आया है, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं।