मोहम्मद हासम अली : अजमेर
हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह का सालाना उर्स बड़े कुल की रस्म के साथ ही इख्तेताम पजीर हुआ। शाह सैयद खुश्तर अरशद चिश्ती बाबा साहब ने शाही दस्तरख्वान की नियाज के बाद. अजमेर पहुंचे देश-विदेश के जायरीन के हक और मुल्क में अमन-ओ-अमान, खुशहाली और भाईचारीगी की दुआ की।
सर्व धर्म एकता समिति के सेक्रेटरी रफीक कादरी ने बताया कि बाबा साहब की जानिब से शाही दस्तरखान का एहतेमाम गुजिश्ता कई सालों से किया जा रहा है। इससे पहले लंगर व महफिले समा. का एहतेमाम किया जाता है जिसमें हिंदुस्तान के मशहूर कव्वाल अली वारिस शहीद जयपुरी घराना ने सूफियाना कलाम व उर्सपाक की रुख्सती के कलाम पेश किए।
बाबा साहब ने बताया, शाही दस्तरख्वान उनके वालिद और पीर ओ मुर्शिद हजरत शाह सैयद अरशद चिश्ती बाबा साहब की जानिब से शुरू किया गया है जो अब तक जारी है।
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