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कल्पतरु सेवा समिति ने किया बिटिया के विवाह को साकार


नई तहरीक : भिलाई

अभावग्रस्त एवं सामाजिक रूप से उपेक्षित लोगों की सहायता के लिए तत्पर स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको के शिक्षकों द्वारा संचालित कल्पतरू सेवा समिति द्वारा एक युवती के विवाह के लिए पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। 

कल्पतरू द्वारा सहायता प्रदान करने पर गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आईपी मिश्रा, स्वरूपानंद महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा, शंकराचार्य कॉलेज आॅफ नर्सिंग की सीओओ डॉ मोनिशा शर्मा, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने समिति की सराहना करते हुए भविष्य में भी इसी प्रकार सहायता करते रहने प्रोत्साहित किया। कल्पतरू सेवा समिति के शिक्षक सदस्यों ने कहा कि शिक्षक का कार्य केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है बल्कि सामाजिक सरोकार से जुड़कर शिक्षक अपने सामाजिक दायित्व की पूर्ति करते हैं।

एसएसआर एवं एक्यूआर की तैयारी में आईक्यूएसी की भूमिका विषय पर एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम 

नई तहरीक : स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय एवं अपर संचालक कार्यालय दुर्ग डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में एसएसआर एवं एक्यूआर की तैयारी में आईक्यूएसी की भूमिका विषय पर एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. सुशील चंद्र तिवारी, अपर संचालक उच्च शिक्षा विभाग दुर्ग डिवीजन तथा समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. आरएनसी प्राचार्य शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय दुर्ग एवं मुख्य वक्ता डॉ. जीए घनश्याम, ओएसडी उच्च शिक्षा विभाग थे। कार्यक्रम का आयोजन पहली बार नेक करवाने अथवा एक्यूएआर भरने वाले प्राध्यापकों व प्राचार्यों के लिए किया गया ताकि महाविद्यालय बेहतर प्रदर्शन कर सके।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आकलन हेतु नेक मूल्यांकन की आवश्यक बताई। उन्होंने कहा, सभी महाविद्यालयों के लिए यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा और वे अंचल के उच्च शिक्षण संस्था उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग एवं दिशा निर्देशन से बेहतर ग्रेड प्राप्त कर सकेंगे। है। डॉ. सुशील चंद तिवारी ने कहा कि यह कार्यशाला संभाग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम उच्चशिक्षा विभाग के सहयोग से नैक में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत शासकीय महाविद्यालय का नैक मूल्यांकन हो चुका है, शेष का प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि एक्यूएआर ही एसएसआर में बदलेगा। उन्होंने सात क्रायटेरिया के हिसाब से एकेडेमिक कलेण्डर बनाने पर जोर देते हुए कहा, खेल, शोध, पाठ्यक्रम, विविध कार्यक्रम एसएसआर के अनुसार हो। उन्होंने कहा, हममें सफल होने की इच्छाशक्ति होगी, तभी हम सफल हो पाएंगे। 

डॉ. जीए घनश्याम ने नैक तैयारी के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए कहा, यह एक ऐसा अभियान है जिसमें हम सबको आहूति डालनी है। उन्होंने कहा, शिक्षा के क्षेत्र में अगर छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाना है तो निजी व शासकीय महाविद्यालय, दोनों को साथ में लेकर चलना होगा। मुख्य कार्यकारणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने नैक मूल्यांकन को शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया। डॉ. प्रज्ञा कुलकर्णी, सहायक प्राध्यापक शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय ने क्रायटेरिया एक पाठ्यक्रम के पहलू व अध्ययन-अध्यापन तथा मूल्यांकन पर प्रकाश डाला। डॉ. शमा ए. बेग, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी स्वामी स्वरूपानंद महाविद्यालय ने शोध नवोन्मेष तथा विस्तार पर प्रकाश डाला। डॉ. यासमीन परवेज, सहायक प्राध्यापक शासकीय वासुदेव वामन पाटणकर महाविद्यालय ने क्रायटेरिया चार मूलभूत सुविधाएं एवं अध्ययन के संसाधन पर चर्चा की। डॉ. ऋचा ठाकुर, प्रोफेसर शासकीय वासुदेव वामन पाटणकर ने क्रायटेरिया पांच को नेक का आधार स्तंभ निरुपित किया। कार्यक्रम को डॉ. अनिता शाह, सहायक प्राध्यापक दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगॉंव, डॉ सपना शर्मा शारस्वत, सहायक प्राध्यापक शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर विश्वविद्यालय, डॉ. आर.एन.सी. प्राचार्य विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय आदि ने भी संबोधित किया। मंच संचालन डॉ. शमा ए. बेग, नैक को- आॅडिनेटर डॉ. रजनी युदलियार, आई.क्यू.ए.सी. सदस्य सहायक, संयुक्ता पाढ़ी, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिवानी शर्मा, आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मीना मिश्रा, खूशबू पाठक, डॉ. सुनीता वर्मा, अपूर्वा शर्मा, योगिता लोखण्डे ने विशेष योगदान दिया। 



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