युवाओं के आदर्श ‘स्वामी विवेकानंद’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता
नई तहरीक : भिलाई
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको में रेड रिबन क्लब एनएसएस व बायोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘युवाओं के आदर्श, स्वामी विवेकानंद’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डॉ. शिवानी शर्मा, कार्यक्रम संयोजक व विभागाध्यक्ष बायोटेक ने कहा, विवेकानंद युवाओं के आदर्श व प्रेरणास्त्रोत हैं। वे भारत के आध्यात्मिक गुरू थे। उन्होंने पश्चिम देशों में वेदांत दर्शन का प्रसार किया, गरीबों की सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा, विवेकानंद की जयंती को सम्पूर्ण भारत में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके भाषण व प्रेरणास्पद कथनों से लोगों के मन में एक नई चेतना का जागरण होता है, निराश व्यक्ति भी ऊर्जा से भर जाता है। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने आयोजन के लिए बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त पृथ्वी सिंह राजपूत (बीए अंतिम वर्ष) ने कहा, भारत को जानना है व भारत को जागृत करना है तो विवेकानंद के साहित्य को पढ़ना चाहिए। उन्होंने भारत में 130 मठों की स्थापना की। उन्होंने हावर्ड विष्वविद्यालय में तीन बार व्याख्यान दिया।
दूसरे स्थान पर रहे देवदत्त महानंद (बीएससी अंतिम वर्ष) ने कहा, उनका प्रसिद्ध वाक्य है, उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक तुम सफल नहीं हो जाते। उन्होंने कहा मैं शुन्य हूं और मुझे शून्य से आगे बढ़ना है। अगर मैं असफल भी हो जाऊं तो मेरे पास खोने के लिये कुछ नहीं है, साधन नहीं का चिंता न कर जो साधन हमारे पास है, उससे ही अपना विकास करें।
तृतीय स्थान पर कुशाल सिन्हा (बीबीए द्वितीय सेमेस्टर) ने भारत की शिक्षा प्रणाली में विवेवकानंद के प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, विवेकानंद, विद्यार्थियों को मात्र किताबी ज्ञान नहीं देना चाहते थे, वे उन्हें आत्मनिर्भर व अनुभवी बनाना चाहते थे। कार्यक्रम को साक्षी जैन, लाक्षी हेडऊ और प्रिया देवदास ने भी संबोधित किया। निर्णायक डॉ. सुनीता वर्मा, विभागााध्यक्ष हिन्दी, संयुक्ता पाढ़ी, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी थीं।
मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन अपूर्वा शर्मा, सहायक प्राध्यापक बायोटेक्नोलॉजी ने किया।