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सोशल मीडिया के प्रभाव से खत्म होती जा रही युवाओं की अभिव्यक्ति व रचनात्मक क्षमता

स्वरूपानंद महाविद्यालय में साहित्य परिषद् गठित, नेहा अध्यक्ष

नई तहरीक : भिलाई

सोशल मीडिया के प्रभाव से खत्म होती जा रही युवाओं की अभिव्यक्ति व रचनात्मक क्षमता

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, हिन्दी एवं अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य परिषद का गठन एवं लघुनाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विजेता विद्यार्थियों को रेडियो लोकवाणी 89.6 के सौजन्य से पुरस्कृत किया गया। 

सोशल मीडिया के प्रभाव से खत्म होती जा रही युवाओं की अभिव्यक्ति व रचनात्मक क्षमता
मुख्य अतिथि एवं निर्णायक चित्रा सिन्हा, कार्यक्रम निर्देशक रेडियो लोकवाणी व विशेष अतिथि व निर्णायक दीक्षा वैष्णव, कार्यक्रम संयोजक रेडियो लोकवाणी थीं। विशेष अतिथि के रूप में स्वाति निर्मल एवं कृष्णा साहू रेडियो लोकवाणी 89.6 थीं। आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए संयुक्ता पाढ़ी, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी ने कहा, साहित्य परिषद का गठन महाविद्यालय की साहित्यिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालन करने व महाविद्यालय की पत्रिका ‘उद्गम’ के प्रकाशन में विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। डॉ. सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष हिन्दी ने साहित्य परिषद के सदस्यों को शपथ दिलाई। आयोजन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, सोशल मीडिया के प्रभाव से युवाओं की अभिव्यक्ति व रचनात्मक क्षमता समाप्तप्राय हो गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि साहित्य परिषद के माध्यम से विद्यार्थी अपनी कलात्मक व रचनात्मक क्षमता को उभारने का प्रयास करेंगे। महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने आयोजन के लिए भाषा विभाग को बधाई दी एवं विद्यार्थियों के नाट्य प्रदर्शन की सराहना की।

आतिथ्य उद्बोधन में चित्रा सिन्हा ने घरेलू हिंसा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, सुनो, समझो और चुप्पी तोड़ो अर्थात सहन मत करो। गलत हो रहा है, तो विरोध करें, आवाज उठाएं। उन्होंने वन सखी स्टॉप सेंटर के बारे में जानकारी दी। दीक्षा वैष्णव ने विद्यार्थियों के अभिनय की सराहना करते हुए अदाकारी के टिप्स दिए। 

विजेता हुए पुरस्कृत

नाट्य स्पर्धा में प्रथम स्थान नेहा राय व समूह, हिमांषु सेन, पल्लवी ठाकुर, लाक्षी हेडाउ, जागृति साहू, योगिता सांगा, दीक्षा कर्माकर ने मानव अधिकार पर नाट्य प्रस्तुती दी व जातिगत भेदभाव, बालिका शिक्षा आदि समस्याओं को उठाया। द्वितीय स्थान ‘जब मैं सिर्फ औरत होती हूं’ नाटक को प्राप्त हुआ जिसमें नेहा राय, पल्लवी ठाकुर, सेजल चंद्राकर, यशी चन्द्राकर व हिमांशु सेन ने हिन्दी, मुस्लिम सौहार्द्र को बिगड़ने के कारणों को रेखांकित किया। 

तृतीय स्थान इंद्रधनुष ग्रुप में डैजी मैथ्यू, वैदिक शुक्ला, खुशी, एलन थॉमस, कोमल, अद्वितीय सोनी, स्नेहा अनासने को दिया गया। सांत्वना पुरस्कार दीक्षा पाल समूह को दिया गया जिन्होंने जातिगत भेदभाव की समस्या को उठाया। इसमें के. हेमा, वेदिका लाड, विशाल कन्नोजे, सिमरन कौर ने भाग लिया। 

साहित्य परिषद की नेहा बनीं अध्यक्ष 

इस अवसर पर साहित्य परिषद का गठन किया गया। जिसमें नेहा राय को अध्यक्ष मनोनीत किया गया। इसी तरह उपाध्यक्ष पल्लवी, सचिव विवेक दुबे, सहसचिव फुलप्रीत कौर, डेजी मैथ्यू, सेजल चंद्राकर, रीतिका ताम्रकार, यशी, स्नेहा अनासने, साक्षी जैन, आदि हैं। मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन संयुक्ता पाढ़ी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मीना मिश्रा, विभागाध्यक्ष गणित, हितेश सोनवानी सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी, कामिनी वर्मा सहायक प्राध्यापक गणित ने विषेष योगदान दिया। इस मौके पर विशेष रूप से डॉ. रजनी मुदलियार, डॉ. शिवानी शर्मा, डॉ. सावित्री शर्मा, डॉ. मंजू कनोजिया, सुनीता शर्मा, डॉ. शर्मिला सामली, सहायक प्राध्यापक एकता पांडे, लीना साहू, सहायक प्राध्यापक गगन भनोथ, नीलिमा साहू आदि उपस्थित थे। 


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