पसमांदा मुस्लिम समाज भाजपा और आरएसएस का नया सियासी शगूफा : मायावती

 लखनऊ : आईएनएस, इंडिया 

बीजेपी पर मुस्लिम समाज के तईं मनफी सोच रखने का इल्जाम लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी की सरबराह मायावती ने बुध को कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज का राग बीजेपी और आरएसएस का नया शगूफा है, जबकि सच्चाई ये है कि कांग्रेस की तरह मौजूद हुकूमत के मीयादकार में भी मुस्लमान गुर्बत और पिछड़ेपन से आजाद नहीं हो सके हैं। 

मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा कि अपने सतही सियासी मुफाद की हुसूलयाबी के लिए पसमांदा मुस्लिम समाज का राग बीजेपी और आरएसएस का अब नया शगूफा है, जबकि मुस्लिम समाज पहले मुस्लमान हैं और उनके तईं उनकी सोच, नीयत, पालिसी और उनका ट्रैक रिकार्ड क्या और कैसा है, ये किसी से भी मखफी नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की मुस्लिम समाज के तईं मनफी सोच का नतीजा है कि उनकी हुकूमत में भी वो तकरीबन इतने ही गरीब, पसमांदा और जान व माल के तईं मजहब के मुआमले में गैर महफूज हैं, जितने वो कांग्रेस इकतिदार में थे। 

मुस्लिम समाज का दलितों की तरह पसमांदा और महरूम बने रहना काफी तकलीफदेह और बदकिस्मती की बात है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा बीएसपी की यूपी में चार बार हुकूमत रही, जिसमें तमाम तबकाती मुफाद, फलाह-ओ-सिक्योरिटी के साथ-साथ हमेशा नजरअंदाज किए गए दलित, पसमांदा और अकलीयती समाज के लोगों के जान माल और मजहब वगैरा का तहफ़्फुज और इन्साफ की गारंटी बनाई गई। ख़्याल रहे कि इन दिनों बीएसपी मगरिबी यूपी में अपने पुराने लीडर इमरान मसऊद को पार्टी में शामिल करके मुस्लिम वोटों में नकबजनी की कोशिश में है, और इसी नजरिया के तहत इमरान मसऊद को पार्टी में दुबारा शामिल किया है।

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