नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
फीफा वर्ल्ड कब फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी इस्लामी मुल्क कतर कर रहा है। साल 2010 में कतर को फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए चुना गया था। इस सिलसिले में डाक्टर आसिफ ने कहा कि कतर के अमीर ने टूर्नामेंट को कामयाब बनाने के लिए समय रहते पूरी तैयारी कर ली थी। अमीर कतर ने टूर्नामेंट का एंबेसडर एक फलस्तीनी को बनाया जो फलस्तीन की आजादी के लिए 75 साल से जद्द-ओ-जहद कर रहे हैं। दूसरी मिसाल अमीर ने ये पेश की कि टूर्नामेंट के इफ़्तिताही तकरीब में एक ऐसे बच्चे से कुरान-ए-पाक की तिलावत कराई जो पूरी तरह जिस्म से माजूर है। कमर के नीचे दोनों पावं से महरूम है, सिर्फ कमर के ऊपर का जिस्म है।
अमीर कतर ने अपनी इफ़्तिताही तकरीर में कहा कि 28 दिनों तक चलने वाला फीफा वर्ल्ड कप के दौरान कतर अपने इस्लामी उसूल को ताक पर नहीं रख सकता। पश्चिमी मुल्कों से आने वाले मेहमानों पर शराब, उर्यां और चुस्त कपड़े पहनने और अय्याशी पर मुकम्मल पाबंदी लगा रखी है, चाहे वो खेल का मैदान हो या होटल। इस्लामी तहजीब-ओ-तमद्दुन पेश करने की वजह से पश्चिमी मीडीया कतर के अमीर पर तन्कीद कर रहा है। ये हकीकत है कि अमीर ने मौके की नजाकत को देखते हुए इस्लाम की बेहतर तब्लीग का जरीया बनाया है।
पूरे कतर में लगे बैनर, पोस्टर और होर्डिंग में कुरआन की आयत अंग्रेजी और दूसरी जबान में तर्जुमा के साथ लिखी गई है। जिस जगह दूसरे मुल्कों से आए मेहमानों को ठहराया गया है, वहां की मस्जिदों में बेहतरीन किरअत से कुरआन पढ़ने वाले कारी को नमाज पढ़ने के लिए रखा गया है। यही नहीं, अजान भी दिलकश आवाज में देने वाले मोअज्जन की मस्जिदों में तकर्रुर किया गया है। डाक्टर आसिफ ने कतर के अमीर की तारीफ करते हुए कहा कि हजारों उल्मा कराम और मशाइख को मुकर्रर किया गया है ताकि इस्लाम के मुताबिक बेहतर हुस्न-ए-अखलाक और मुहब्बत को पेश करें, और उनके सामने इस्लाम की सही तस्वीर पेश हो सके।
डाक्टर आसिफ ने कहा कि फीफा वर्ल्ड कप को कामयाब बनाने के लिए अमीर कतर ने जो इस्लामी तरीके से पहल की है, इस के लिए मुबारकबाद बाद के मुस्तहिक हैं।
आज पढ़ें :
- चीन में अब बच्चे नहीं खेलते वीडियो गेम
- बुरहानपुर के रास्ते मध्य प्रदेश में दाखिल हुई भारत जोड़ो यात्रा
- 10 दिनों तक गोल-गोल घूमने वाली चीनी भेड़ों का राज
- ‘आई फोन’ बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री में मुलाजमीन का हंगामा
- सऊदी अरब में टीम की जीत की खुशी, बंद रहे सरकारी दफ्Þतर और स्कूल, कालेज