नई तहरीक : दुर्ग
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गा प्रसाद पारकर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर राजभाषा आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सम्मानित किया गया।
श्री पारकर विगत कई वर्षों से छत्तीसगढ़ी में कहानी, कविता, उपन्यास, व्यंग्य रचनाएं आदि लेखन कार्य कर रहे हैं। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एमए छत्तीसगढ़ी के प्रवर्तक श्री पारकर द्वारा रचित उपन्यास ‘बहू हाथ के पानी’ को हेमचंद यादव विश्व विद्यालय के एमए हिंदी (अंतिम वर्ष) में शामिल किया गया है। उनकी गद्य रचनाओं पर विश्लेषणात्मक अध्ययन विषय पर दुर्ग यूनिवर्सिटी में पीएचडी की जा रही है। पारकर के गीतो को पद्मश्री महेन्द्र कपूर, पद्मश्री ममता चंद्राकर, मिथलेश साहू, दिलीप षडंगी, महादेव हिरवानी, अल्का चंद्राकर, छाया चंद्राकर, सुनील सोनी, भगवती साहू, रिंकी देवांगन, केंवरा सिन्हा आदि ने स्वर दिया है। श्री पारकर की अब तक 20 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। श्री पारकर को इस सम्मान पर एमआर निषाद (अध्यक्ष मत्स्य बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन), कुंवर सिंह निषाद (विधायक एवं संसदीय सचिव), उदयराम पारकर, बद्री प्रसाद पारकर, मुकुंद पारकर, परसराम कैवर्त (बिलासपुर), डॉ दीनदयाल दिल्लीवार (सिकोसा), भोलाराम सिंहा (मगरलोड), शैलेन्द्र कुमार पारकर, प्रदीप पारकर (बेलौदी), डोरेलाल कैवर्त (कोरबा), भोजराम निषाद, घनश्याम पारकर (दल्लीराजहरा), डॉ शांतिलाल कैवर्त (शिवरीनारायण), मनीषा निषाद, सुशीला निषाद (परसोदा) राजकुमार निषाद (रायपुर), भरत राणा, सुरेन्द्र शर्मा, रिखी क्षत्रिय, अरूण श्रीवास्तव, विनोद मिश्र (भिलाई), अजय उमरे, बोधी राम निषाद (बेमेतरा), विनोद वर्मा (भाटापारा) आदि ने बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामना की है।