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न्यूजीलैंड : 51 नमाजियों को शहीद करने वाले मुजरिम की सजा के खिलाफ अपील


वेलिंगटन : आईएनएस, इंडिया
 

न्यूजीलैंड के शहर क्राइस्टचर्च में मसाजिद पर हमलों के मुजरिम ने सजा के खिलाफ अपील की है। गैर मुल्की मीडीया के मुताबिक 2019 में क्राइस्टचर्च की मसाजिद पर फायरिंग करके 51 नमाजियों को शहीद करने वाले सफेदफाम नस्ल परस्त मुजरिम ने सजा के खिलाफ अपील कर दी। 

मुल्जिम ने वेलिंगटन की कोर्ट आफ अपील में सजा के खिलाफ अपील दायर की है जिसकी समाअत की तारीख मुकर्रर नहीं की गई है। न्यूजीलैंड की अदालत ने जुर्म साबित होने पर अगस्त 2020 में बरेंटन टेरंट को ताहयात उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

उम्र कैद की सजा काट रहे फ्रÞांस के मशहूर दाइश कमांडर का जेल में हुआ निकाह

लंदन : उम्र कैद की सजा सुनाए जाने और सजा में कमी का कोई इमकान ना होने के बावजूद दाइश के दहश्तगर्द सलाह अब्दुस्सलाम अलमरी ने जेल में रहते हुए फोन पर शादी की। 

उन्होंने ये शादी अपने वालिद की मुंतखब करदा नई दुल्हन के साथ की। वाहिद दहश्तगर्द जो जदीद फ्रÞांसीसी तारीख के बदतरीन हमले में जिंदा बच गया, की शादी जेल में हुई। 33 साला अब्दुस्सलाम ने अपने सिक्योरिटी सेल से फोन के जरीये तकरीब में शिरकत की, जहां वो पैरिस पर दाइश के हमले से मुताल्लिक उम्र कैद की सजा काट रहा है। उस पर सन 2015 के पैरिस के हमलों का इल्जाम है जिनमें 130 अफराद मारे गए थे। शहर की मेरोजेस फयोलेरी जेल में 24 घंटे निगरानी के बावजूद अबदुस्सलाम को फोन पर नई दुल्हन से मिलवाया गया। फ्रÞांसीसी जेल इंटेलीजेंस, जो उनकी तमाम फोन काल्ज सुनती है, ने खबर की तसदीक करते हुए कहा कि अबदुस्सलाम कुछ अर्से से शादी का इरादा कर रहे थे। काबिल-ए-जिÞक्र है कि गुजिशता जून में फ्रÞांस की एक अदालत ने नवंबर 2015 में पैरिस में सिलसिलावार बंदूक और बम हमला करने वाले ग्रुप के रुक्न सलाह अबदुस्सलाम को पेरोल के इमकान के बगैर उम्र कैद की सजा सुनाई थी। ख़्याल किया जाता है कि अब्दुस्सलाम इस मुसल्लह ग्रुप का वाहिद जिंदा बच जाने वाला रुकन है, जिसने बार, रेस्तोरां और एक कन्सर्ट हाल को निशाना बनाने के बाद हमले किए जिनमें 130 अफराद हलाक और 494 जखमी हुए। 

अदालत ने 32 साला शख़्स को उसके खिलाफ तमाम पाँच इल्जामात पर मुजरिम करार देते हुए उसे फ्रÞांस में सख़्त तरीन सजा सुनाई, जो कि पेरोल के इमकान के बगैर उम्र कैद है। अब्दुस्सलाम ये सजा पाने वाला पांचवां शख़्स है। फ्रÞांस में सन 1994 में ये कानून मंजूर किया गया था। अगरचे अब्दुस्सलाम उन 20 अफराद में से एक था जिन पर दहशतगर्दी का मुकद्दमा चल रहा था, लेकिन वो वाहिद शख़्स है जिसे मुल्क के सबसे मुहलिक (जानलेवा) हमले का मुजरिम करार दिया गया था।



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