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13 वीं सदी में तैयार हुई थी नालैन मुबारक, अब होगी नुमाईश

 रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी अरब के किंग अब्दुल अजीज सेंटर फार वर्ल्ड कल्चर ‘इसरा’ में हिजरत रसूल पाक सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के नुकूश-ए-पा (पैरों के निशां) के उनवान से मुनाकिद नुमाइश में नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के नालैन मुबारक की एक कापी और ड्राइंग की नुमाइश की गई है। 

मराकश के मशहूर मुहद्दिस इब्न असाकिर के मुताबिक ये नुस्खे़ आम तौर पर इस्लामी दारुल हुकूमतों में उलमाए हदीस को तकसीम किए जाते हैं, जहां उल्मा को रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की तालीमात और अहादीस को महफूज करने और मुंतकिल करने की जिÞम्मेदारी सौंपी जाती है। नए हिजरी साल के आगाज पर हाल ही में सऊदी अरब के मशरिकी सूबे के गवर्नर शहजादा सऊद बिन नाइफ बिन अब्दुल अजीज की जानिब से इस नुमाइश का इफ़्तिताह किया गया जिसमें इस्लामी फन-ओ-तारीख के आला सतह के हुक्काम और मुहक़्किकीन (शोधकर्ताओं), दानिशवरों (बुद्धिजीवियों) और मेहमानों ने शिरकत की। ये नुमाइश नौ माह तक जारी रहेगी। उसके बाद ये रियाज, जद्दा और मदीना मुनव्वरा में मुनाकिद की जाएगी। उसी दौरान उसे दुनिया के दूसरे मुल्कों के शहरों में भी मुनाकिद किया जाएगा। नुमाइश का बुनियादी मकसद पैगंबर इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की मक्का मुअज्जमा से मदीना मुनव्वरा की तरफ हिजरत पर रोशनी डालना है। 


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