कोलकाता : आईएनएस, इंडिया
‘मैंने अल्लाह का नाम लिया और दरिया में छलांग लगा दी, मुझे यकीन था कि अल्लाह है और वो मेरी मदद करेगा। मैं तैरना जानता हूं।’ ये अलफाज हैं, मुहम्मद मानक के, जिसने दुर्गा विसर्जन के दौरान दरिया में अचानक पानी का बहाव तेज होने के बाद डूब रहे रहे कई लोगों में से दस को बचा लिया, मानक का ये जज्बा सिर्फ़ बंगाल ही नहीं, बल्कि मुल्क के लिए एक मिसाल बन कर सुर्खियों में छा गया। ये खबर सिर्फ खबर नहीं बल्कि मुल्क की तहजीब और भाईचारे की असली तस्वीर भी पेश करती है।
दुर्गा विसर्जन के दौरान दरिया में अचानक पानी का बहाव बहुत तेज था
मुहम्मद मानक ने अपने जज्बे से मुल्क को बता दिया कि आफत और मुसीबत में कोई किसी का मजहब या जात नहीं देखता। इन्सानी जान से ज्यादा कीमती कुछ नहीं। मगरिबी बंगाल के जलपाईगुड़ी जिÞले के एक छोटे से कस्बे मगरिबी तेशीमाला के मुहम्मद मानक अब बंगाल के हीरो बन गए हैं। जलपाईगुड़ी के माल बाजार में अब्दुल खालिक का घर मेहमानों से भरा है। हर कोई मुबारकबाद देने आ रहा है। हर साल दुर्गा पूजा के मौका पर विसर्जन में मेले जैसे माहौल रहता है। उस दिन भी वो तकरीबन 8:30 बजे विसर्जन के मुकाम पर पहुंचे थे। तभी अचानक पानी का बहाव तेज हो गया। मानक ने देखा कि जो लोग दरिया के अंदर मूर्ती विसर्जन करने मौजूद थे, वो तेज धार के साथ हाथ पैर मार रहे थे। उस वक़्त हर कोई वीडीयो बना रहा था या तमाशा देख रहा था। यह देख अपनी जान की परवाह किए बगैर मुहम्मद मानक ने अपना मोबाइल अपने दोस्त के हवाले किया और इससे कब्ल कि उसका दोस्त कुछ समझ पाता, मुहम्मद मानक ने दरिया में छलांग लगा दी।
मानक ने कहा कि मैंने लोगों को मदद के लिए पुकारते देखा, जिसको भी मैं पकड़ सकता था, मैंने उन्हें बाहर निकाला और घसीटते हुए किनारे तक ले गया। उन्होंने मजीद कहा कि डूबने से बचने के लिए कई लोग पत्थरों से लिपटे हुए थे। बहाव बहुत तेज था। लोगों को बचाने के दौरान मानक खुद भी बुरी तरह जखमी हो गए थे। उनके दाएं पांव के अंगूठे से खून बहने लगा था। एक फायर फाइटर ने उन्हें रूमाल दिया था, जिसे उन्होंने कटे हुए हिस्से पर बाँधा और लोगों की मदद के लिए वापिस दरिया में गोता लगा दिया।
तकरीबन 2 घंटे तक दरिया से किनारे तक लोगों को लाने की जद्दो जहद के सबब मानक बुरी तरह थक गए थे। तब तक वे दस लोगों को किनारे लाने में कामयाब हो गए थे। लेकिन तब तक वे थकान से चूर भी हो गए थे। और दसवें बंदे को किनारे लाने के साथ ही वे बेहोश हो गए थे। उनके दोस्त उन्हें अस्पताल ले गए।
कई और की जान बच जाती
इधर मानक जब लोगों को खींच-खींच कर दरिया से बाहर निकाले रहे थे, किनारे खड़े कई लोग उनका वीडियो बना रहे थे जो पूरे दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे। एक वीडियो में उनके एक दोस्त को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर चंद और मानक होते तो विसर्जन की जगह से कई लोगों को बचा लिया जाता। थोड़ी देर बाद लाइफ जैकेट पहने शहरी दिफा के रजाकार भी वहां पहुंच गए थे। बाद में फायर ब्रिगेड और नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स भी आ गई। तब तक मुहम्मद मानक दस लोगों की जान बचा चुके थे।