लखनऊ : आईएनएस, इंडिया
यूपी में इन दिनों गैर तस्लीमशुदा मदारिस के सर्वे कराए जा रहे हैं ताकि तलबा, असातिजा, निसाब और किसी भी गैर सरकारी तंजीम से उसकी वाबस्तगी के बारे में मालूमात हासिल की जा सकें।
उतर प्रदेश के अकलीयती बहबूद के वजीर धरम पाल सिंह ने मुदर्रिसा सर्वे के सिलसिले में एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुदर्रिसा सर्वे से हमारा मकसद ये है कि हम मदारिस के तलबा को आईएएस, आईपीएस, इंजीनर और डाक्टर बनाएंगे और उन्हें मर्कजी धारे से जोड़ सकें। उन्होंने मजीद कहा कि इसलिए जरूरी है कि मदारिस में हिन्दी, रियाजी, अंग्रेजी और समाजी उलूम जैसे मजामीन भी पढ़ाए जाएं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ वो लोग सर्वे की मुखालिफत कर रहे हैं, जो खुद कान्वेंट के तालीम याफता हैं और कभी मदरसों में नहीं पढ़े। उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ गरीब मुस्लिम खानदानों के बच्चे मदरसों में पढ़ते हैं। ख़्याल रहे कि बरेली जिÞला के ऊनला से पाँच बार एमएलए चुने जाने वाले 64 साला धरम पाल सिंह वजीर-ए-आला कल्याण सिंह (बीजेपी और मायावती) (जब वो बीएसपी, बीजेपी हुकूमत की सरबराह थीं) की हुकूमतों में वजीर रह चुके हैं। फिलवक़्त वो यूपी बीजेपी यूनिट के नायब सदर हैं। पिछली योगी आदित्य नाथ हुकूमत में धरम पाल सिंह को वजीर आबपाशी (सिंचाई) के तौर पर शामिल किया गया था, लेकिन दो साल बाद काबीना में रद्दोबदल के बाद उन्हें हटा दिया गया। अकलीयती बहबूद (अल्पसंख्यक कल्याण) मुस्लिम वक़्फ और हज के अलावा धरम पाल सिंह के पास हैवानात (पशुपालन) और डेरी डेवलपमंट, सियासी पेंशन और शहरी दिफा (नागरिक सुरक्षा) की वजारत है।